मेले में दुकानों का बहा सामान : पुल निर्माण के दौरान पानी छोड़े जाने से मची अफरा तफरी, दुकानदार नाराज

Datia news : दतिया। सनकुआं मेले में उस समय अफरा तफरी मच गई जब वहां पुल निर्माण के दौरान अचानक पानी छोड़ दिए जाने से दुकानों का सामान बह गया। अचानक छोड़े गए पानी ने भारी नुकसान दुकानदारों को हुआ है।

रविवार को मेले में यह घटना उस समय हुई जब सैकड़ों लोग खरीदारी कर रहे थे और लगभग सौ के करीब दुकानें सजकर तैयार थीं। बिना किसी पूर्व सूचना के रोका गया पानी छोड़े जाने से दुकानों में कुछ

ही मिनटों में पानी भर गया और कपड़ा, होजरी, चश्मा, घड़ी, प्लास्टिक व घरेलू सामान सहित हजारों से लाखों रुपये का माल खराब हो गया।

घटना से मेले के व्यापारियों में गहरा आक्रोश है। प्रभावित दुकानदार सोमवार को एसडीएम के नाम ज्ञापन भी सौंपेंगे। रविवार अवकाश के कारण इसे सौंपा नहीं जा सका।

दुकानदारों का आरोप है कि पुल निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार ने लापरवाही बरतते हुए अचानक पानी छोड़ दिया, जबकि ऐसी कोई आपात स्थिति नहीं थी कि तत्काल पानी छोड़ा जाए। दुकानदारों का कहना है कि यदि सूचना दी जाती, तो दुकानें खाली कर नुकसान से बचा जा सकता था।

दुकानदारों के अनुसार पिछले कई दिनों से मेला अच्छी रफ्तार से चल रहा था और रविवार होने के कारण बिक्री भी अधिक थी।

अधिकांश दुकानों में पूरा माल खुला हुआ था, तभी बिना चेतावनी के पानी छोड़ा गया। कुछ दुकानदारों ने पानी बहते हुए देखा भी, लेकिन तेज बहाव के कारण वे सामान बचा नहीं सके।

कई बोरों में रखा कपड़ा और पैक्ड सामग्री बह गई। वहीं बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रोनिक और प्लास्टिक उत्पाद पूरी तरह खराब हो गए। स्थानीय लोगों के अनुसार पानी इतना तेजी से आया कि कुछ ही मिनटों में पूरा क्षेत्र जलमग्न हो गया।

दुकानदारों ने ठेकेदार पर लगाए आरोप : ज्ञापन में दुकानदारों ने कहा कि पानी रोकने वाली जगह पर निर्माण कार्य में कोई बड़ी बाधा नहीं थी और परिस्थितियां भी सामान्य थीं, इसके बावजूद पानी छोड़ना संदेह पैदा करता है। कई दुकानदारों ने आरोप लगाया कि निर्माण एजेंसी और ठेकेदार की मनमानी का परिणाम है कि उन्हें भारी आर्थिक झटका झेलना पड़ा।

उन्होंने कहाकि प्रशासन ने पहले हटने की चेतावनी जरुर दी थी, लेकिन रविवार को बड़ी बिक्री की वजह से दुकानें संचालित थीं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सूचना देकर सोमवार को पानी छोड़ा जाता, तो नुकसान लगभग शून्य हो सकता था।

अब मुआवजे की उठी मांग : दुकानदारों ने प्रशासन से मांग की है कि मामले की जांच कराई जाए, पुल निर्माण में लगे ठेकेदारों पर कार्रवाई की जाए और सभी प्रभावित व्यापारियों को उचित मुआवजा दिलाया जाए। ज्ञापन में दुकानदारों ने चेतावनी दी है कि यदि समय पर न्याय नहीं मिला तो वे आंदोलनात्मक कदम उठाने को विवश होंगे।

ज्ञापन में शामिल प्रमुख दुकानदारों में जयनारायण राठौर, संजीव कुमार जालौन, राजेंद्र जालौन, इंदरगढ़ निवासी सिरोवन, वकील काजी, सुखराम राठौर, राजेश जालौन, सत्येंद्र कुमार जाटव, अजब सिंह जालौन, हकीम मिस्त्री, श्यामसुंदर विश्वकर्मा, राजेंद्र जादौन सहित अन्य व्यापारी शामिल हैं।

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