डीएपी खाद की सब्सिडी बढ़ाने का सरकार ने लिया निर्णय : किसानों को होगा लाभ,अंतर्राष्ट्रीय कीमतों को समाहित किया

नईदिल्ली । आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की अधिसूचना के तहत फॉस्फेटिक और पोटासिक (पीएंडके) उर्वरकों की बढ़ी हुई कीमतों को 1 अक्टूबर से 31 मार्च 2022 तक पूरे वर्ष के लिए लागू करने को अपनी मंजूरी दे दी है। केन्द्र सरकार ने डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की बढ़ी हुई अंतर्राष्ट्रीय कीमतों को समाहित कर लिया है। केन्द्र सरकार ने एक विशेष एकमुश्त पैकेज के रूप में प्रति बैग डीएपी की सब्सिडी को 438 रुपये बढ़ाने का निर्णय लिया है। ताकि किसानों को उसी कीमत पर डीएपी मिल सके।

केन्द्र सरकार ने एक विशेष एकमुश्त पैकेज के रूप में सब्सिडी को 100 रुपये प्रति बैग बढ़ाकर सबसे अधिक खपत वाले तीन एनपीके ग्रेडों के उत्पादन के लिए कच्चे माल की बढ़ी हुई अंतर्राष्ट्रीय कीमतों को समाहित कर लिया है।

ताकि किसानों को एनपीके ग्रेडों वाले यह उर्वरक सस्ती कीमत पर मिल सकें। केन्द्र सरकार ने चीनी मिलों द्वारा एक सह-उत्पाद के रूप में शीरा से प्राप्त पोटाश (पीडीएम) के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना में पहली बार शामिल किया है।

इस उर्वरक को पीडीएम के नाम से जाना जाता है। इस कदम से 42 एलएमटी से अधिक खनिज आधारित पोटाश यानी एमओपी के 100 प्रतिशत आयात पर भारत की निर्भरता कम होने की उम्मीद है।

जिसकी लागत लगभग 7,160 करोड़ रुपये सालाना है। इस निर्णय से न केवल गन्ना उत्पादकों और चीनी मिलों की आय में सुधार होगा, बल्कि उर्वरक कंपनियों द्वारा किसानों को 600-800 रुपये की दर से बेचे जा रहे 50 किलोग्राम के एक बैग पर 73 रुपये की सब्सिडी भी उपलब्ध हो सकेगी। उम्मीद है कि केन्द्र सरकार पीडीएम पर सब्सिडी के रूप में सालाना लगभग 156 करोड़ रुपये खर्च करेगी और 562 करोड़ रुपये मूल्य की विदेशी मुद्रा की बचत करेगी।

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter