चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा द्वारा आज पंजाब यूनिवर्सिटी लॉज़ (संशोधन) बिल 2023 को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया, जिस कारण प्रांतीय यूनिवर्सिटियों के चांसलरों की शक्तियां मुख्यमंत्री के पास होंगी। सदन में बहस को समाप्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब का अपना समृद्ध सभ्याचार और परंपराएं हैं, जिसको युवा पीढ़ियों तक पहुँचाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों ख़ास तौर पर यूनिवर्सिटियाँ इसमें अहम भूमिका निभा सकती हैं। भगवंत मान ने याद करवाया कि राज्य की यूनिवर्सिटियों ने कैसे महान बुद्धिजीवी, कलाकार और अलग-अलग क्षेत्रों में ख्याति हासिल करने वाली अहम हस्तियाँ पैदा की हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विरासत को आगे ले जाने के लिए राज्य की यूनिवर्सिटियों में वाइस चांसलर के तौर पर ऐसे व्यक्तियों की नियुक्ति करने की ज़रूरत है, जो इमानदार, विवेकशील और साफ छवि के हों। उन्होंने अफ़सोस जताया कि राज्यपाल, जो राज्य से सम्बन्धित नहीं हैं, यहाँ के इतिहास और सभ्याचार संबंधी अवगत न होने के कारण अनावश्यक बाधाएं उत्पन्न कर रहे हैं। भगवंत मान ने कहा कि यह कितनी अचंभे की बात है कि राज्यपाल राज्य बारे कुछ नहीं जानते परन्तु उनके पास वी. सी. नियुक्त करने की ताकत का होना पूरी तरह अनुचित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के हितों की रक्षा करने के उलट पंजाब के राज्यपाल अक्सर दूसरी तरफ खड़े दिखाई देते हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी के मसले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब और पंजाबियों के हितों की रक्षा करने की बजाय राज्यपाल ने यूनिवर्सिटी के सेनेट में दाखि़ले बारे हरियाणा के रूख का पक्ष लिया। भगवंत मान ने कहा कि यह बहुत अजीब स्थिति है क्योंकि राज्यपाल दिल्ली में बैठे अपने राजनैतिक आकाओं को ख़ुश करने के लिए यह सभी ढकोसे कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राज्य के लोगों के जनादेश का सीधा निरादर है, जिसके द्वारा लोगों ने अपनी भलाई के लिए काम करने हेतु राज्य सरकार को चुना है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा इस सम्बन्धी पहले ही पास किये बिल की तर्ज़ पर पंजाब सरकार ने यह बिल बनाया है, जो यूनिवर्सिटियों के चांसलरों की शक्तियां मुख्यमंत्री को मुहैया करेगा। भगवंत मान ने कहा कि इस एक्ट के लागू होने से राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री राज्य की यूनिवर्सिटियों के चांसलर होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के रोज़ाना के कामकाज में राज्यपाल की दखलअन्दाज़ी की कोई ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत के हितों की रक्षा के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब की परंपरागत शान बहाल करने के लिए हर कदम उठाएगी।