guru ravidas jayanti quotes in hindi
गुरु रविदास जयंती, माघ महीने में पूर्णिमा (माघ पूर्णिमा) के दिन पर मनाया जाने वाला गुरु रविदास का जन्मदिवस है। यह रैदास पंथ धर्म का वार्षिक केंद्र बिंदु है। जिस दिन अमृतवाणी गुरु रविदास जी को पढ़ी जाती है, और गुरु के चित्र के साथ नगर में एक संगीत कीर्तन जुलूस निकाला जाता है। इसके अलावा श्रद्धालु पूजन करने के लिए नदी में पवित्र डुबकी लगाते हैं.( guru ravidas jayanti quotes in hindi)
उसके बाद भवन में लगी उनकी छवि पूजी जाती है। हर साल, श्री गुरु रविदास जन्म स्थान मंदिर, सीर गोवर्धनपुर, वाराणसी में एक भव्य उत्सव के अवसर पर दुनिया भर से लाखों श्रद्धालुओं आते है। यह त्यौहार 2020 में 9 फरवरी को थी, और 2021 में 27 फरवरी को मनाई जायेगी( guru ravidas jayanti quotes in hindi)

guru ravidas jayanti quotes in hindi
1. करम बंधन में बन्ध रहियो
फल की ना तज्जियो आस
कर्म मानुष का धर्म है
संत भाखै रविदास.
2. गुरु जी मैं तेरी पतंग
हवा में उड़ जाऊंगी
अपने हाथों से न छोड़ना डोर
वरना मैं कट जाऊंगी.

guru ravidas jayanti quotes in hindi
3. कह रैदास तेरी भगति दूरि है
भाग बड़े सो पावै
तजि अभिमान मेटि आपा पर
पिपिलक हवै चुनि खावै.
4. जाति-जाति में जाति हैं
जो केतन के पात,
रैदास मनुष ना जुड़ सके
जब तक जाति न जात
गुरु रविदास जयंती की हार्दिक बधाई
guru ravidas jayanti wishes in hindi
5. गुरु जी मैं तेरी पतंग
हवा में उड़ जाऊंगी,
अपने हाथों से न छोड़ना डोर
वरना मैं कट जाऊंगी
संत रविदास जयंती की बधाईयां
6. यह दिन है खुशियों भरा
आप और आपके परिवार को,
संत रविदास जयंती की
बहुत-बहुत बधाईयां
guru ravidas jayanti wishes in hindi
7.मन चंगा तोह कठौती में गंगा
संत परंपरा के महान योगी
परम ज्ञानी संत श्री रविदास जी को कोटि कोटि नमन.
8. जाति-जाति में जाति हैं
जो केतन के पात
रैदास मनुष ना जुड़ सके
जब तक जाति न जात.
guru ravidas jayanti wishes in hindi
9. मन ही पूजा मन ही धूप
मन ही सेऊँ सहज सरूप.
10. ऐसा चाहूं राज मैं
मिले सबन को अन्न
छोट-बड़ो सब सम बसे
रविदास रहे प्रसन्न.
guru ravidas jayanti ki hardik shubhkamnaye
11. रविदास जन्म के कारनै, होत न कोउ नीच
नकर कूं नीच करि डारी है, ओछे करम की कीच
12. करम बंधन में बन्ध रहियो, फल की ना तज्जियो आस
कर्म मानुष का धर्म है, सत् भाखै रविदास
guru ravidas jayanti ki hardik shubhkamnaye
13. जन्म जात मत पूछिए, का जात और पात
रैदास पूत सम प्रभु के कोई नहिं जात-कुजात.
संत रविदास के महत्वपूर्ण उपदेश/guru ravidas updesh
1. व्यक्ति पद या जन्म से बड़ा या छोटा नहीं होता है, वह गुणों या कर्मों से बड़ा या छोटा होता है.
रैदास जन्म के कारणै, होत न कोई नीच।
नर को नीच करि डारि हैं, औछे करम की कीच।।
2. वे समाज में वर्ण व्यवस्था के विरोधी थे. उन्होंने कहा है कि सभी प्रभु की संतान हैं, किसी की कोई जात नहीं है. ‘जन्म जात मत पूछिए, का जात और पात।
रैदास पूत सम प्रभु के कोई नहिं जात-कुजात।।(guru ravidas jayanti shayari in hindi)
3. रविदास जी ने बताया है कि सच्चे मन में ही प्रभु का वास होता है. जिनके मन में छल कपट होता है, उनके अंदर प्रभु का वास नहीं होता है. संत रैदास ने कहा है कि मन चंगा तो कठौती में गंगा.
का मथुरा का द्वारका, का काशी हरिद्वार।
रैदास खोजा दिल आपना, तउ मिलिया दिलदार।।(guru ravidas jayanti shayari in hindi)
4. संत रविदास जी ने दुराचार, अधिक धन का संचय, अनैतिकता और मांसाहार को गलत माना है. उन्होंने अंधविश्वास, भेदभाव, मानसिक संकीर्णता को समाज विरोधी माना है.
5. संत रविदास जी भी कर्म को प्रधानता देते थे. उनका कहना था कि व्यक्ति को कर्म में विश्वास करना चाहिए. आप कर्म करेंगे, तभी आपको फल की प्राप्ति होगी. फल की चिंता से कर्म न करें.(guru ravidas jayanti shayari in hindi)
गुरु रविदास जयंती महत्व
रविदास जयंती, रविदास जी के जन्म का प्रतीक है। रविदास जी जाति प्रथा के उन्मूलन में प्रयास करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने भक्ति आंदोलन में भी योगदान दिया है, और कबीर जी के अच्छे दोस्त के रूप में पहचाने जाते हैं।
रैदास पंथ का पालन करने वाले लोगों में रविदास जयंती का एक विशेष महत्व है, इसमे न केवल रविदास जी का अनुसरण करने वाले लोग, बल्कि अन्य लोग जो किसी भी तरह से रविदास जी का सम्मान करते हैं, जैसे कुछ कबीरपंथियों, सिखों और अन्य गुरुओं के अनुयायी, भी शामिल हैं।
माघ पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है जयंती
गुरु रविदास के जन्म की सही तारीख तो ज्ञात नहीं है, लेकिन यह कहा जाता है कि उनका जन्म 1377 में वाराणसी, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनकी माघ महीने में पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। इस साल संत गुरू रविदास जयंती 16 फरवरी को पड़ रही है। मान्यता है
कि गुरु रविदास ने सभी के लिए समानता और सम्मान की वकालत की, चाहे उनकी जाति कुछ भी हो। उन्होंने लैंगिक समानता को बढ़ावा दिया और लिंग या जाति के आधार पर समाज के विभाजन का विरोध किया।
कुछ लोग कहते हैं कि वह एक अन्य प्रमुख भक्ति आंदोलन कवयित्री मीरा बाई के आध्यात्मिक मार्गदर्शक भी थे।
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Prime Minister Narendra Modi to visit Shri Guru Ravidas Vishram Dham Mandir, Karol Bagh tomorrow morning on the occasion of #RavidasJayanti
(File photo) pic.twitter.com/wYfS0AA6TT
— ANI (@ANI) February 15, 2022