Datia News : दतिया। मिलावटी खोरी अब जानलेवा बनने लगी है। ऐसा ही वाक्या रविवार को भांडेर क्षेत्र में देखने को मिला। जब हरछठ का व्रत खोलने के लिए महिलाओं ने फरारी चावल का सेवन किया तो उनकी हालत बिगड़ने लगी। उल्टी और पेटदर्द की शिकायत गांव की आधा सैकड़ा से अधिक महिलाओं ने की, तो उन्हें लेकर स्वजन अस्पताल भागे। देखते ही देखते पूरा अस्पताल महिला मरीजों से भर गया।
रविवार को हरछठ पर्व मनाने वाली ग्रामीण महिलाओं में व्रत खोलने के दौरान खाए जाने वाले हल्के लाल रंग के पसाई के चावलों का सेवन कर लिया। जिसके बाद उनकी तबियत बिगड़ने लगी। शाम के समय सीएचसी भांडेर पर अचानक खाद्य विषाक्तता (फूड प्वाइजनिंग) के शिकार मरीजों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया।
सभी को पेट में दर्द की शिकायत, उल्टी और घबराहट की शिकायत थी। अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों में सर्वाधिक संख्या भांडेर अनुभाग के ग्राम बड़ेरा सोपान से थी। कुछ महिला मरीज भांडेर से भी अस्पताल पहुंची।
फूड प्वाइजनिंग की जानकारी मिलने पर एसडीएम भांडेर नीरज शर्मा, नायब तहसीलदार राजेश कुमार वत्स भी सीएचसी भांडेर पहुंच गए और मरीजों के साथ आए उनके अटेंडरों से मामले की जानकारी ली।
जिसमें बड़ेरा सोपान के एक युवक ने बताया कि गांव में ही दुकान से समई के चावल खरीदे थे। जिन दुकानों पर यह चावल बेचा जा रहा था, वे दुकानदार से इस चावल को भांडेर से खरीदकर ले गए थे।
चार गांवों की महिलाएं हुुई शिकार : खाद्य विषाक्तता के शिकार मरीजों में बड़ेरा सोपान के अलावा भांडेर, लहार हवेली तथा दुरसड़ा से भी मरीज अस्पताल पहुंच रहे थे। जिनका उपचार एवं स्वास्थ्य परीक्षण बीएमओ डा.आरएस परिहार, डा.जितेंद्र वर्मा तथा डा.सिद्धार्थ चौधरी द्वारा किया गया। इस मामले में डा.आरएस परिहार का कहना था कि सभी मरीज खाद्य विषाक्तता के शिकार पाए गए हैं और इनका उपचार किया जा रहा है।