harak singh rawat biography in hindi
डॉ. हरक सिंह रावत (जन्म 15 दिसंबर 1960) भारत में उत्तराखंड विधान सभा के सदस्य हैं। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के थे। वह वर्ष 1991 में उत्तर प्रदेश राज्य के सबसे कम उम्र के मंत्री बने और पौड़ी से विधानसभा चुनाव भी जीता। वह 2014 के भारतीय आम चुनाव में गढ़वाल से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार थे(harak singh rawat biography in hindi)
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
रावत ने 1984 में कला में स्नातकोत्तर कार्य पूरा किया और 1996 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर, उत्तराखंड से सैन्य विज्ञान में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की उपाधि प्राप्त की।(harak singh rawat biography in hindi)
harak singh rawat wikipedia in hindi
उत्तराखंड BJP के नेता रहे हरक सिंह रावत पार्टी और कैबिनेट से अपने निष्कासन के बाद सोमवार को कैमरे के सामने ही रो पड़े. रावत ने रोते हुए आरोप लगाए कि पार्टी ने उनसे बात किए बिना उन्हें निकाल दिया.
पूर्व में कांग्रेस से बीजेपी में आए हुए नेता हरक सिंह रावत के वापस पुरानी पार्टी में लौटने की अटकलें लग रही हैं, इसी बीच उन्होंने ये घोषणा भी कि अगले महीने हो रहे चुनाव में कांग्रेस की ही जीत होगी.
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रावत ने आज न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि ‘उन्होंने (बीजेपी ने) इतना बड़ा फैसला लेने से पहले मुझसे एक बार भी बात नहीं की.
अगर मैंने बीजेपी जॉइन करने के लिए कांग्रेस नहीं छोड़ी होती तो मैंने बीजेपी चार साल पहले ही छोड़ दी होती. मंत्री बनने में मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है. मैं बस काम करना चाहता था.'(harak singh rawat biography in hindi)
हरक सिंह रावत बायोग्राफी
हरक सिंह रावत भारत में उत्तराखंड विधान सभा की विधानसभा के सदस्य हैं। वे भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा हैं। वे 15 दिसंबर 1960 को पैदा हुए।
हरक सिंह रावत ने 1984 में कला में स्नातकोत्तर पूरा किया। उन्होंने 1996 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर, उत्तराखंड से सैन्य विज्ञान में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की डिग्री प्राप्त की। उनकी पत्नी का नाम दीप्ति रावत है। वे कांग्रेस का हिस्सा थे।(harak singh rawat biography in hindi)
हरक सिंह रावत बायोग्राफी
1991 में हरक सिंह रावत ने पौरी से विधानसभा चुनाव जीता और यूपी राज्य के सबसे छोटी उम्र के मंत्री बने। वे 2014 में भारतीय आम चुनाव में गढ़वाल से कांग्रेस के उम्मीदवार थे।
पूर्व कांग्रेस विधायक हरक सिंह रावत, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ विद्रोह करने वाले नौ विधायकों में से एक थे। कांग्रेस द्वारा निष्कासित किए जाने के बाद वे भाजपा में शामिल हो गए थे।(harak singh rawat biography in hindi)
हरक सिंह रावत का जीवन परिचय
रावत के बारे में ये दिलचस्प बात है कि उन्होंने 2016 में हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार से बगावत किया था. उनके साथ उस बार नौ विधायक भी बीजेपी में शामिल हो गए थे.
हरक सिंह रावत का जीवन परिचय
ऐसी रिपोर्ट्स आ रही हैं कि अब वो कांग्रेस जॉइन करना चाहते हैं लेकिन हरीश रावत अपने खिलाफ एक बार बागी हो चुके रावत को वापस पार्टी में जगह देने के पक्ष में नहीं हैं.(harak singh rawat biography in hindi)
हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल ?
रावत ने इस बात से इनकार किया कि कांग्रेस में शामिल होने के लिए उनकी पार्टी से पहले से बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा कि ‘अब मैं कांग्रेस से बात करूंगा और कांग्रेस के लिए ही काम करूंगा.’
उन्होंने दावा किया कि उन्हें दिल्ली में एक मीटिंग के लिए बुलाया गया था, लेकिन ‘ट्रैफिक’ की वजह से वो देर हो गए. जबतक वो पार्टी लीडरशिप से मिलते, उन्हें निकाले जाने की खबर आ गई थी.(harak singh rawat biography in hindi)
#WATCH | Former Uttarakhand BJP Minister Harak Singh Rawat breaks down after speaking about his expulsion from the Uttarakhand BJP Cabinet https://t.co/7xjIENtki6 pic.twitter.com/L8rEADPsBs
— ANI (@ANI) January 17, 2022
हरक सिंह रावत का दुख…
रावत ने आंसूं पोंछते और पानी पीते हुए कहा कि ‘केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मुझे मिलने के लिए दिल्ली बुलाया था, ट्रैफिक की वजह से मुझे थोड़ी देरी हो गई.
हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल ?
मैं उनसे और गृहमंत्री अमित शाह जी से मिलना चाहता था, लेकिन मैं जैसे ही दिल्ली पहुंचा, सोशल मीडिया पर देखा कि उन्होंने मुझे निकाल दिया है.'(harak singh rawat biography in hindi)
राजनीति आजीविका –
2017 में कोटद्वार उत्तराखंड विधानसभा के रूप में निर्वाचित।
2012 में रुद्रप्रयाग उत्तराखंड विधानसभा से चुने गए।
2007 में विपक्ष के नेता उत्तराखंड विधानसभा के रूप में चुने गए।
2007 में लैंसडाउन उत्तराखंड विधानसभा के रूप में फिर से निर्वाचित हुए।
2002 में लैंसडाउन निर्वाचन क्षेत्र को जीतने के बाद चार विभागों – राजस्व, राजस्व, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, आपदा प्रबंधन और पुनर्वास के कैबिनेट मंत्री को नामित किया गया था।
2002 में 32 लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए
1997 में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य के रूप में नियुक्त हुए।
1997 से – उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वर्तमान सदस्य।
1997 में उत्तर प्रदेश खादी ग्राम उद्योग बोर्ड में उपाध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री रैंक के समकक्ष) के रूप में नियुक्त किया गया था।
1993 में पौड़ी विधानसभा से एमएलए के रूप में फिर से चुने गए
1991 से 1993 तक यूपी में सबसे कम उम्र के पर्यटन मंत्री थे।
1991 में पौड़ी से विधानसभा चुनाव जीता और यूपी राज्य के सबसे कम उम्र के मंत्री बने।
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