New Delhi News : नईदिल्ली । ड्रग्स की तस्करी का प्रचार-प्रसार किसी भी समाज के लिए बहुत घातक होता है। किसी आतंकी घटना का नुकसान सीमित मात्रा में होता है लेकिन समाज में ड्रग्स का प्रसार पीढ़ियों को बर्बाद कर देता है। वह दीमक की तरह हमारे समाज और देश की युवा शक्ति को खोखला करने का काम करता है।
यह बात केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुवाहाटी, असम में ‘मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर सभी पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। इसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र में मादक पदार्थों के परिदृश्य और इसे कम करने के तरीकों पर चर्चा की गई। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
उन्होने कहा कि भारत सरकार ने मादक पदार्थों, ड्रग तस्करी की‘डर्टी मनी और‘संगठित माफिया द्वारा देश के अर्थतंत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुँचाने की हर कोशिश को नाकाम करने के लिए जीरो टोलरेंस की नीति अपनाई है। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहाकि गृह मंत्रालय मादक पदार्थो के खतरे को रोकने के लिए कटिबद्ध है।
मादक पदार्थों के खिलाफ विशेष अभियान के तहत पूरे पूर्वोत्तर में लगभग 40 हज़ार किलोग्राम मादक पदार्थों को नष्ट किया गया। शाह ने कहा कि 75 हज़ार किलोग्राम मादक पदार्थों को नष्ट करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन अब तक कुल डेढ़ लाख किलोग्राम से ज़्यादा मादक पदार्थों को नष्ट किया जा चुका है, जो लक्ष्य के दोगुने से भी अधिक है।
8 वर्ष में 20 हजार करोड़ की ड्रग्स पकड़ी : अमित शाह ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी एक सीमारहित अपराध है और इससे निपटने के लिए सभी ड्रग लॉ एनफोर्समेंट और इंटेलिजेंस एजेंसियों के साथ-साथ पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के सीमावर्ती ज़िलों के बीच बेहतर समन्वय और सामंजस्य बहुत जरूरी है।
गृहमंत्री ने कहाकि देश में नशीले पदार्थों की आपूर्ति नेटवर्क को ध्वस्त करने की रणनीति की सफलता के अल्पावधि में ही परिणाम दिखाई दे रहे हैं। 2014 के बाद मादक पदार्थो की पकड़ और जब्ती इसका प्रमाण है। शाह ने बताया कि 2006-2013 के बीच कुल 1257 मामले दर्ज़ किए गए थे जो 2014-2022 के बीच 152 प्रतिशत बढ़कर 3172 हो गए। इसी अवधि में कुल गिरफ्तारी की संख्या 1362 के मुक़ाबले 260 प्रतिशत बढ़कर 4888 हो गई।
2006-2013 के दौरान 1.52 लाख किलोग्राम ड्रग्स जब्त की गई थी जो 2014-2022 के बीच दोगुना बढ़कर 3.30 लाख किलोग्राम हो गई। 2006-2013 के दरम्यान 768 करोड़ रुपये मूल्य की ड्रग्स जब्त की गई थी जो 2014-2022 के बीच 25 गुना बढ़ोतरी के साथ 20 हज़ार करोड़ रुपये हो गई।
ड्रोन की मदद से पकड़ी जाएगी नशे की खेती : गृहमंत्री ने बताया कि उत्तर पूर्वी क्षेत्र के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में गांजा और अफीम पोस्त की अवैध खेती के खिलाफ कई उपाय किए गए हैं। गृह मंत्रालय किसानों को नुकसान पहुंचाए बिना बड़े पैमाने पर ड्रोन और नवीनतम तकनीक का उपयोग करके पहाड़ी और कठिन इलाकों में अवैध खेती को नष्ट करने के लिए एक अध्ययन समूह का गठन कर रहा है।
अवैध फसलों की खेती में लगे किसानों के लिए वैकल्पिक आजीविका व्यवस्था पर एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया गया है। साथ ही एनसीबी उत्तर पूर्वी क्षेत्र में अफीम पोस्त की अवैध खेती को नष्ट करने के लिए उपग्रह इमेजरी साझा कर रहा है। कई विशेष अभियान भी चलाए हैं जिनमें शीर्ष 100 नशीली दवाओं के तस्करों की पहचान करना और हिरासत में लेना शामिल है।