भोपाल : दिल्ली उच्च न्यायालय ने धनशोधन मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों से केरल में बयान दर्ज करने का प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को निर्देश देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। इसके साथ ही यह भी कहा कि कोई अदालत जांच के तौर-तरीके तय नहीं कर सकती है।
तीन पीएफआई सदस्यों को दिल्ली में ईडी के समक्ष पेश होने के लिए जारी समन के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा ने कहा कि अगर महामारी के कारण लोगों के राष्ट्रीय राजधानी की यात्रा करने पर प्रतिबंध होता तो केंद्रीय एजेंसी केरल में अपने क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ करती।

उच्च न्यायालय ने कहा, “अदालत जांच के तौर-तरीके का निर्देश नहीं दे सकती। यह अदालत का काम नहीं है। फिलहाल, (यात्रा पर) कोई रोक नहीं है।” अदालत ने आदेश दिया कि केरल से दिल्ली की यात्रा पर प्रतिबंध होने की स्थिति में, प्रतिवादी (ईडी) को केरल में क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ करने का निर्देश दिया जाता है।
ईडी की ओर से पेश वकील अमित महाजन ने दलील दी कि समन किए गए सदस्य एजेंसी को यह निर्देश नहीं दे सकते कि जांच किस प्रकार की जाए। पीएफआई की ओर से पेश वकील अदित पुजारी ने कहा कि एजेंसी ने इस महीने की शुरुआत में केरल में तलाशी अभियान चलाया गया था और तीन सदस्यों को दिल्ली में पेश होने के लिए समन जारी किया गया था।
उन्होंने केंद्रीय एजेंसी को केरल के क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया और उन्होंने इस संबंध में कोविड संबंधी चिंताएं जताने के साथ ही कहा कि वे सदस्य दिल्ली के निवासी नहीं हैं और वे स्थानीय भाषा ठीक से नहीं समझते।
