मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र के मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता नवाब मलिक को एनसीबी, मुंबई क्षेत्रीय इकाई निदेशक समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव वानखेड़े द्वारा दायर मानहानि के एक मुकद्दमे के जवाब में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति माधव जामदार की अवकाशकालीन पीठ ने मलिक को मंगलवार तक अपना हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देने के साथ ही इस मामले को बुधवार के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
न्यायमूर्ति जामदार ने कहाकि मलिक कल तक अपना जवाब दाखिल करें। यदि आप ट्विटर पर जवाब दे सकते हैं तो आप यहां भी जवाब दे सकते हैं।
उन्होंने वादी ध्यानदेव वानखेड़े के खिलाफ कोई और बयान देने से मलिक पर रोक लगाने का आदेश जारी किए बगैर यह निर्देश दिया है।
ध्यानदेव की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अरशद शेख ने अदालत से कहा कि प्रतिवादी मलिक द्वारा प्रतिदिन कुछ झूठा और मानहानिकारक बयान दे रहे हैं, जिस पर फिर सोशल मीडिया पर टिप्पणी की जाती है जो और भी अपमानजक होती है।
शेख ने दलील दी कि आज सुबह, प्रतिवादी ने समीर वानखेड़े की साली के खिलाफ एक ट्वीट किया। ध्यानदेव ने अपने मुकद्दमे के जरिए मलिक से सवा करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मलिक ने उनके बेटे समीर वानखेड़े और परिवार के खिलाफ संवाददाता सम्मेलन तथा सोशल मीडिया के जरिए मानहानिकारक टिप्पणियां की हैं।
वाद के जरिए मलिक के बयानों को मानहानिकारक घोषित करने और राकांपा नेता को उनके सोशल मीडिया अकाउंट सहित मीडिया में बयान जारी करने या उसे प्रकाशित कराने पर स्थायी रोक लगाने का अनुरोध किया गया है।
वाद के जरिए मलिक को, अपने अब तक के सारे मानहानिकारक बयान वापस लेने और वादी तथा उनके परिजनों के खिलाफ पोस्ट किए गए अपने सारे ट्वीट मिटाने के भी निर्देश देने की मांग की गई है।
उल्लेखनीय है कि समीर वानखेड़े ने पिछले महीने मुंबई तट के पास एक क्रूज जहाज पर मारे गए छापे का नेतृत्व किया था। क्रूज ड्रग्स मामले के सिलसिले में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और 19 अन्य को बाद में गिरफ्तार किया गया था।
मलिक ने बार बार क्रूज ड्रग्स मामला ‘फर्जी’ होने का दावा करने के साथ ही एनसीबी के अधिकारी पर अनेक गंभीर आरोप लगाए हैं।