नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु ने आज नई दिल्ली में ‘मोदी @20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी’ पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गवर्नेंस में 20 साल पर अनेक प्रख्यात बुद्धिजीवियों और विशिष्ट व्यक्तियों द्वारा लिखे गए अध्यायों का संकलन है। गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भी इस पुस्तक में एक अध्याय लिखा है।
विमोचन समारोह में अमित शाह ने कहा कि मोदी जी के 20 साल हेड ऑफ द गवर्नमेंट रहने के नाते भारत और गुजरात में जिस तरह से परिवर्तन आया है उसे सभी ने देखा है परंतु राजनीति शास्त्र के विद्यार्थी के नाते मैं यह जरूर कहना चाहता हूँ कि इससे पीछे के समय में जाने की जरूरत है। अगर हम मोदी जी के 20 साल हेड ऑफ द गवर्नमेंट के अनुभव से पहले के 30 साल का अध्ययन नहीं करते तो वह अधूरा रह जाएगा।
पांच दशक के सार्वजनिक जीवन में बिल्कुल गरीबी से उठकर देश के प्रधानमंत्री बनने, एक छोटे से कार्यकर्ता से लेकर सभी पॉलिटिकल पार्टियों में सबसे लोकप्रिय नेतृत्व बनने और आज पूरा विश्व जिसका नेतृत्व स्वीकार करता है भारत के ऐसे प्रधानमंत्री बनने तक के सफर को जानने के लिए हमें 30 साल पीछे जरूर जाना चाहिए। मोदी जी के पहले तीन दशक संगठन के अंदर गुजरे, मैंने मोदी जी को संगठन के कार्यकर्ता के नाते छोटे से छोटे गांव में कभी बस, कभी मोटरसाइकिल और कभी ऑटो में बैठ कर गरीब से गरीब के घर में इतनी ही सहजगता से खाना खाते देखा है।
अमित शाह ने कहा कि हम सब लोगों के लिए यह एक कूट प्रश्न है कि समस्याओं को समझने की इतनी बड़ी शक्ति मोदी जी में कहां से आती है। नीति निर्धारण करते वक्त छोटे से छोटे व्यक्ति के लिए नीति हो यह आग्रह कहां से आता है और नीति सर्वसमावेशी व सर्वस्पर्शीय हो यह विचार कहां से आता है, इसका जवाब 30 साल के अंदर है।
उन्होंने कहा कि परिश्रम, संवेदना, संवेदना के साथ समस्याओं को समझना और उनका विश्लेषण करना , विश्लेषण के आधार पर समस्या का समाधान ढूंढने की प्रक्रिया 30 साल चलती है तब जाकर एक सफल नेता बनता है। लोगों की गरीबी, समस्याएं, समाज में फैली अव्यवस्थाएं और लोकतंत्र के प्रति लोगों का उठता विश्वास देखकर अगर दिल में टीस और दर्द नहीं होता है तो कोई नरेंद्र मोदी नहीं बन पाता है।
उनका जो यह संवेदनशील स्वभाव है इसी से एक दर्द की निर्मिती होती है और उसी में सभी समस्याओं का समाधान निकला है। भारत के जनमानस, समस्याओं और समाज की सांस्कृतिक विविधताओं को समझना और समझते समझते भारत की संस्कृति के प्रति दिल में अपार गौरव पैदा करना और समस्याओं के समाधान की दिशा की इस प्रक्रिया ने ही मोदी जी को आज इस स्थान पर बैठाया है।