सनातन की रक्षा के लिए गृहमंत्री ने अपने पद का किया सदुपयोग : पंडित प्रदीप मिश्रा ने दिया साधुवाद, कथा में चौथे दिन हुआ संत समागम

Datia news : दतिया। सनातन धर्म की रक्षा के लिए मप्र के गृहमंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने सदैव अपने पद और कुर्सी का सदुपयोग किया है। ज्यादातर राजनेता जब सनातन पर ऊंगली उठाई जाती है तो वह मौन होकर बैठ जाते हैं। लेकिन गृहमंत्री डा.मिश्रा सनातन धर्म पर जब भी कोई आंच आती है तो आगे बढ़कर बोलते हैं और उचित कार्रवाई भी करते हैं। यह बात प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने रविवार को पत्रकाराें से रुबरु होते हुए कही।

एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहाकि राजनीति के अंदर धर्म पूर्व से ही रहा है। महाराज दशरथ के दरबार में गुरु वशिष्ठ भी बैठते थे। लेकिन सनातन धर्म को मूल रूप से सनातन ही रहने देना चाहिए। धर्म में राजनीति का थोड़ा ही उपयोग हो तो अच्छा है। वर्तमान में हिंदू देवी देवताओं को लेकर बन रही फिल्मों के बारे में चेतावनी देते हुए पंडित मिश्रा ने कहाकि कलाकार, कथाकार, नीतिकार और पत्रकार समाज के मार्गदर्शक होते हैं।

ऐसे में उनका दायित्व है कि वहीं मार्ग प्रशस्त करें जिससे युवाओं में जागरुकता बढ़े। लेकिन अगर फिर भी इस तरह की फिल्में बनी तो आने वाले समय में उन्हें टाकीजों तक पहुंचने से रोकने का भी प्रयास शुरू हो जाएगा।

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अपनी प्रसिद्ध का राज शिवभक्ति को बताया : इस दौरान पंडित मिश्रा ने अपनी सफलता के बारे में शिवभक्ति को प्रमुख बताया। उन्होंने कहाकि शुरुआती दौर में वर्ष 1999 में उन्होंने भगवान गिरिराज की परिक्रमा मार्ग पर पड़ने वाले चकलेश्वर महादेव पर प्रतिदिन मानसी गंगा का जलाभिषेक का नियम निभाया।

हर सप्ताह परिक्रमा पर जाने के दौरान वह उनका जलाभिषेक जरुर करते थे। जिसके बाद भगवान शिव की ऐसी कृपा हुई कि आज वह जगत कल्याण मार्ग पर चल रहे हैं। उन्होंने कहाकि हमारे वेद पुराणों को छिपाने और जलाने का कार्य किया गया लेकिन आज फिर से सनातन की पताका चारों ओर फहर रही है।

गृहमंत्री बोले दतिया में बसते हैं प्राण : वहीं कथा के चौथे दिन भी श्रद्धालुओं की अपार भीड़ मौजूद रही। इस दौरान कथा मंच से अपने उद्बोधन में गृहमंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने कहाकि दतिया के लिए वह पहले ही आशीर्वाद मांग चुके हैं। दतिया में उनके प्राण बसते हैं। वह हमेशा यह चाहते हैं कि दतिया में कभी किसी को दुख न हो। उन्होंने कहाकि कथा में संत समागम भी अद्भुत है। दंदरौआ सरकार, पंडोखर सरकार, धूमेश्वर सरकार का आने और भी शोभा बढ़ गई है।

चौथे दिन भीड़ के कारण अतिरिक्त व्यवस्था भी कम पड़ती दिखाई दी। पंडालों के बाहर तक एक बड़े हिस्से में लोग खुले में बैठकर कथा का श्रवण करते नजर आए। भांडेर रोड स्थित नवीन जेल परिसर के विशाल क्षेत्र में भी जहां देखो वहां लोगों का हुजूम ही नजर आया।

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