कचरे के ढेर में फैंकी जा रही अस्पताल की दवाइयां : ट्रंचिंग ग्राउंड में पड़ी मिली दवा की बोतलें, मल्हम और टेबलेट, प्रबंधन जांच में जुटा

Datia news : दतिया । नगर पालिका के वाहन शहर भर का कचरा जिस ट्रंचिंग ग्राउंड में डालते हैं, वहां सरकारी सप्लाई की दवाइयां पड़ी मिली हैं। कचरे के ढेर में जब दवाइयां मिली तो हंगामा मचा। जिसके बाद इस लापरवाही की खबर स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों को दी गई। सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ट्रंचिंग ग्राउंड पहुंची। जहां दवाइयों के बारे में जानकारी लेने के साथ मौके पर पंचनामा तैयार किया गया। साथ ही वहां पड़ी मिली दवाइयों को भी टीम ने अपने कब्जे में लिया।

अभी यह मामला निपटा भी नहीं था कि इसी बीच खबर आ गई कि कोटरा की पुलिया के पास भी भारी मात्रा में दवाइयां पड़ी मिली हैं। अस्पताल की दवाइयों की बेकद्री का मामला गरमाते ही पूरा अमला सकते में आ गया। जिस पर जिम्मेदार जांच कराने की बात कहते नजर आए।

नगर पालिका के ट्रंचिंग ग्राउंड और ग्राम कोटरा की पुलिया पर सरकारी दवाइयों के मिलने का मामला मंगलवार को सामने आया तो स्वास्थ्य महकमे में खलबली मच गई। कचरे में पड़ी मिली जिला अस्पताल को सप्लाई की जाने वाली इन दवाईयाें में से अधिकांश की एक्सपायरी डेट भी आठ माह से एक साल बाकी है। ऐसे में यह दवाईयां कचरों के ढेर में क्यों फैंकी गई, बड़ा सवाल है। इसे लेकर तमाम तरह की शंकाएं जताई गई है।

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वहीं स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों का कहना है कि वह मामले की जांच कराएंगे। उनका कहना था कि इतनी बड़ी मात्रा में दवाईयां कैसे कचरों के ढेर में पहुंची, यह जांच का विषय है। इसे लेकर एक टीम भी बनाई गई है।

मंगलवार को जब नपा के ट्रंचिंग ग्राउंड में सरकारी अस्पताल को सप्लाई करने वाली दवाइयां पड़ी होने की खबर स्वास्थ्य महकमे को लगी तो जिला टीकाकरण अधिकारी के वाहन से विभाग की टीम मौके पर पहुंची। जहां उन दवाइयों की जांच पड़ताल की गई। जिस पता चला की इनकी एक्सपायरी तक नहीं हुुई थी, फिर भी उन्हें कचरे में फैंका गया। टीम ने वहां जानकारी जुटाई और वापिस अस्पताल लौट गई। इसी बीच फिर खबर आई कि कोटरा की पुलिया के पास भी काफी मात्रा में सरकारी अस्पताल की दवाइयां पड़ी मिली है। जिनकी भी एक्सपायरी शेष है। दो स्थानों पर दवाइयां मिलने की खबर से स्वास्थ्य अमला दिनभर चकरघिन्नी बना रहा।

इस मामले में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डा.केसी राठौर का कहना था कि दवाइयां कचरों ढेर में कैसे पहुंची, इसे लेकर जांच कराई जा रही है। उन्होंने शंका जताते हुए कहाकि संभावना यह भी है कि किसी मरीज द्वारा स्वस्थ्य हो जाने पर दवाओं को फैंका गया हो। फिर भी मामले की जांच कराई जा रही है।

यही बात प्रभारी सीएमएचओ व जिला टीकाकरण अधिकारी डा.डीके सोनी ने भी कही है। फिलहाल दवाइयों के कचरों में ढेर में फैंके जाने का मुद्दा गरमा गया है।

कुछ माह पूर्व जिला अस्पताल के कचरे के ढेर में भी सरकारी दवाइयां मिल चुकी हैं। जिसे लेकर भी शिकायतें सामने आई थी। लेकिन तब भी जांच की बात कहकर मामला रफा दफा कर दिया गया है।

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