उत्तराखंड हादसे के बाद CM शिवराज ने खुद संभाला राहत और बचाव का मोर्चा
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भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश एक परिवार है। परिवार के कुछ लोग जब खाई में पड़े हों तो मैं मुख्यमंत्री के नाते चैन से नहीं सो सकता। पिछले 17 घंटे त्रासदी, पीड़ा और कष्ट के थे। एक साथ 25 पार्थिव शरीर मेरे सामने थे। यह असहनीय और बेहद दु:खद था। मुझे लगा कि मुख्यमंत्री के स्वयं जाने से राहत और बचाव कार्यों में तेजी आएगी और हम कुछ लोगों को जीवित बचा लेंगे। जैसे ही मुझे दुर्घटना की जानकारी हुई, मैं तत्काल उत्तराखंड के लिए रवाना हो गया। मुख्यमंत्री , देहरादून से लौटने के बाद राजकीय विमान तल पर मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे।

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में उत्तरकाशी के पुरोला में डामटा के पास हुई हृदय विदारक सड़क दुर्घटना में पन्ना जिले के तीर्थ-यात्रियों के निधन का समाचार प्राप्त होते ही मुख्यमंत्री  5 जून को देर रात देहरादून के लिए विमान से रवाना हुए थे। मुख्यमंत्री  चौहान के साथ खनिज साधन मंत्री  ब्रजेंद्र प्रताप सिंह, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजोरा, पुलिस महानिदेशक  सुधीर सक्सेना, ओएसडी  योगेश चौधरी भी उत्तराखंड गए। साथ ही मध्यप्रदेश भवन दिल्ली के अधिकारियों को भी समन्वय के लिए देहरादून बुलाया गया।

मुख्यमंत्री  चौहान ने मीडिया को घटना की जानकारी देते हुए बताया कि बस बहुत गहरी खाई में गिरी थी। यह स्थानीय प्रशासन की मेहनत थी कि रात में सभी शव निकाल लिए गए। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने गहरी खाई से शवों को निकालने का कठिन कार्य कम समय में पूर्ण किया। मृतकों के पोस्टमार्टम की व्यवस्था रात्रि में ही की गई।

मुख्यमंत्री  ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रशासन का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री धामी ने घटना की मजिस्ट्रियल जाँच के आदेश दे दिए हैं। घटना के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी को जानकारी दी गई। केन्द्रीय गृह मंत्री  अमित शाह भी बचाव कार्य की जानकारी लेते रहे।

मुख्यमंत्री  चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजन को 2-2 लाख रूपए की सहायता देने की घोषणा की है। म.प्र. सरकार की ओर से मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रूपए की सहायता प्रदान की जाएगी। गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रूपए दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री  ने ईश्वर से मृतकों के परिजन को यह दु:ख सहन करने का सामर्थ्य देने और दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना की है।

मुख्यमंत्री  ने बताया कि पन्ना के तीर्थ-यात्री दो बसों में थे, यह बसें उत्तराखंड की थी, जो बस दुर्घटनाग्रस्त हुई उसमें 9 दंपति दिवंगत हुए। एक दंपति उदय सिंह तथा उनकी पत्नी घायल हैं।  उदय सिंह ने ही फोन पर इस दुर्घटना की जानकारी दी थी।  उदय सिंह, उनकी पत्नी तथा रामकुंवर बाई अस्पताल में भर्ती हैं। उनका इलाज चल रहा है। ईश्वर की कृपा से वे शीघ्र स्वस्थ होंगे। मुख्यमंत्री  चौहान ने दूसरी बस में सवार तीर्थ-यात्रियों के साहस का उल्लेख करते हुए बताया कि वे तीर्थ-यात्री यमुनोत्री की यात्रा के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ हैं। वे अपनी आस्था के अनुरूप यमुनोत्री का जल लेकर ही पन्ना लौटेंगे।

मुख्यमंत्री  चौहान ने कहा कि खजुराहो सांसद  वी. डी. शर्मा, खनिज साधन मंत्री  ब्रजेंद्र प्रताप सिंह, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा तथा अन्य अधिकारी देहरादून में व्यवस्थाएँ देख रहे हैं। सड़क मार्ग से देहरादून से पार्थिव शरीर पन्ना लाने में समय अधिक लगता। इसलिये केंद्रीय रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह से विशेष विमान उपलब्ध कराने का निवेदन किया गया। भारतीय वायु सेना का विमान पार्थिव शरीर लेकर खजुराहो पहुँचेगा, जहाँ से पन्ना जिले के संबंधित ग्रामों तक पृथक-पृथक वाहन दिवंगत तीर्थ-यात्रियों के पार्थिव शरीर लेकर रवाना होंगे। गर्मी के मौसम को देखते हुए दुघर्टना में मृत सभी तीर्थ-यात्रियों का आज ही अंतिम संस्कार किये जाने का प्रयास किया जा रहा है।

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