महाराष्ट्र में भारी तबाही मचाकर गुजरात के तट से टकराया तूफान टाक्टे, इन राज्यों में मौसम विभाग ने किया अलर्ट, कहीं यह बड़ी बात

नई दिल्ली : अत्यंत गंभीर समुद्री तूफान की श्रेणी में पहुंच चुका चक्रवात टाक्टे सोमवार रात करीब नौ बजे गुजरात के तट से टकरा गया। इससे पहले इस समुद्री तूफान ने दिन भर महाराष्ट्र के कई जिलों में जमकर तबाही मचाई। मुंबई, थाणे, रायगढ़ और सिंधुदुर्ग में भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण जनजीवन अस्तव्यस्त रहा। सैकड़ों घर क्षतिग्रस्त होने के साथ कई जगह पेड़ उखड़ने और बिजली के खंभे गिरने से संचार सेवाएं व बिजली आपूर्ति लड़खड़ा गई। तूफान के कारण महाराष्ट्र में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई।

समूचे कोंकण क्षेत्र में तूफान के कारण रविवार रात से ही भारी बारिश हो रही है। इस दौरान सिंधुदुर्ग जिले के आनंदवाड़ी हार्बर पर दो नावों के डूब जाने की खबर है। दोनों नौकाओं पर सात नाविक सवार थे। इनमें से तीन को बचा लिया गया जबकि एक व्यक्ति राजाराम कदम की मौत हो गई। तीन नाविक लापता हैं। ठाणे के रेजीडेंट डिप्टी कलक्टर शिवाजी पाटिल के अनुसार नवी मुंबई एवं उल्हासनगर में भी अलग-अलग घटनाओं में दो लोग मारे गए हैं। नवी मुंबई में बाइक से जा रहे विशाल नारलकर के ऊपर पेड़ गिरने से उनकी मृत्यु हो गई।

उल्हासनगर में एक आटो पर पेड़ गिरने से उसमें बैठे दो लोग दब गए। इन दोनों घायलों में से एक की उल्हासनगर सेंट्रल अस्पताल में मृत्यु हो गई। रायगढ़ जिले में 1,886 घरों को आंशिक क्षति पहुंचने के एवं छह घर पूरी तरह नष्ट होने की सूचना है। रायगढ़, सिंधुदुर्ग एवं ठाणे के अलावा उत्तर महाराष्ट्र के जलगांव जिले में भी दो लोगों के मारे जाने की खबर है। राज्य सरकार में राज्य मंत्री अदिति तटकरे के अनुसार तटवर्ती सिंधुदुर्ग एवं रायगढ़ जिलों में तीन हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। जिसके कारण बड़े पैमाने पर जनहानि रोकी जा सकी है।

मुंबई आने-जाने वाली 56 उड़ानें रद

टाक्टे के कारण मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय विमानतल से कुल 56 उड़ानें रद करनी पड़ीं। इनमें 34 उड़ानें मुंबई आनेवाली, एवं 22 उड़ानें मुंबई से जानेवाली थीं। रविवार देर रात से मुंबई में हो रही भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण रनवे पर दृश्यता बहुत कम हो गई थी। जिसके कारण सोमवार सुबह 11 बजे से देर शाम आठ बजे तक अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर हवाई यातायात बंद रहा। इस दौरान सात उड़ानों को डायवर्ट भी करना पड़ा। इनमें से एक उड़ान लखनऊ से भी पहुंची था जिसे वापस कर दिया गया। तूफान के कारण लोकल ट्रेन सेवा भी लड़खड़ा गई। कई सामान्य ट्रेनें पहले ही रद कर दी गई थीं। बांद्रा-वर्ली सी लिंक रूट पर यातायात बंद रखा गया। 

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तूफान से निपटने को गुजरात तैयार

रात करीब नौ बजे यह तूफान गुजरात के तट पर पहुंच गया। मौसम विभाग ने दिन में इस तूफान के गुजरात पहुंचने तक हवाओं की रफ्तार 185 किमी प्रति घंटा तक होने की आशंका व्यक्त की थी। टाक्टे से सर्वाधिक तबाही गुजरात में होने की आशंका पर एनडीआरएफ और सेना की टीमें पूरी तैयारी के साथ मुस्तैद हैं।

वायुसेना ने सोमवार को विशेष विमानों से एनडीआरएफ की कुछ और टीमों व उपकरणों को कोलकाता से अहमदाबाद पहुंचाया। सेना ने भी अपनी करीब 180 टीमें और इंजीनियर लगा रखे हैं। प्रशासन ने 17 जिलों में निचले तटवर्ती क्षेत्रों से करीब डेढ़ लाख लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया है।

समुद्र में फंसे लोगों को निकालने में जुटी नौसेना टाक्टे के कारण मुंबई में सोमवार को दिन भर भारी बारिश और तेज हवाएं चलती रहतीं। इसके कारण समुद्र में चार मीटर तक ऊंची लहरें उठती देखी गईं। समुद्र में दो बजरों (बार्ज) में सवार 410 से लोग तूफान में फंस गए। इन्हें सुरक्षित निकालने के लिए नौसेना ने अपने पोत लगाए हैं।

नौसेना के प्रवक्ता ने बताया, बांबे हाई इलाके में हीरा आयल फील्ड्स तट से बजरे पी 305 के दूर जाने की सूचना मिलने पर पोत आइएनएस कोच्चि को बचाव के लिए भेजा गया है। इस बजरे पर 273 लोग सवार थे। इसी तरह एक और बजरे पर 137 यात्री सवार हैं। यह नौका मुंबई से आठ समुद्री मील की दूरी पर है। इन लोगों की तलाश में आइएनएस कोलकाता को भेजा गया.

114 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चली हवाएं टाक्टे के कारण मुंबई में सोमवार दोपहर बाद हवाओं की रफ्तार 114 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई। हालांकि कोलाबा स्थित मुंबई के मौसम विभाग कार्यालय ने हवा की अधिकतम रफ्तार 108 किमी प्रति घंटा दर्ज की। मौसम विभाग की वरिष्ठ निदेशक शुभांगी भूते ने बताया कि कोलाबा और सांताक्रूज में सुबह आठ बजे से शाम साढ़े चर बजे तक क्रमश: 184 और 186 मिमी बारिश दर्ज की गई। 

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