पत्नी पर गलत नजर रखता था भाई : पति ने गला दबाकर हत्या के बाद शव टैंक में दफनाया, पांच साल बाद लगा पता

Datia News : दतिया। रिश्ते में अपने भाई को ही एक युवक ने गला दबाकर इसलिए मार डाला, क्योंकि उसे शक था कि पत्नी के ऊपर वह गलत नजर रखता है। इस बात से खफा होकर उसने मर्डर का प्लान बनाया और जब घर में कोई नहीं था, तभी भाई को साथ में शराब पिलाकर नशे की हालत में

उसका गला दबा दिया और सबूत मिटाने के शव को सेप्टिक टैंक में दफना दिया। इतना ही नहीं टैंक को सीमेंट से भी बंद कर दिया। ताकि कभी किसी को इस बारे में कुछ पता न लग सके।

दतिया के बड़ौनी थाना क्षेत्र से पांच साल पहले गुम हुए युवक की हत्या को लेकर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। आरोपित फुफेरे भाई हनुमंत रावत पुत्र नारायण रावत निवासी ग्राम कोटरा गोराघाट को बड़ौनी

पुलिस ने इंदौर के लसुडिया थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर खनपुरा मंडीदीप जिला रायसेन स्थित मकान के टेंक से मृतक का कंकाल भी बरामद किया है।

थाना बड़ौनी के ग्राम घूघसी निवासी मृतक गोविंदा रावत पुत्र स्वर्गीय रमेश रावत की पांच साल पुरानी गुमशुदगी के मामले में पुलिस तब सक्रिय हुई जब उसकी मां कमला रावत ने गांव की पानी की टंकी पर चढ़कर हाल ही में 15 सितंबर को काफी शोर शराबा किया था।

इस दौरान उसने पुलिस को बताया था कि पांच साल से गुम बेटे को हनुमंत रावत साथ ले गया था। तब महिला को पुलिस ने जल्दी ही इस बारे में जांच करने का आश्वासन दिया था।

इस हत्याकांड के बारे में खुलासा करते हुए एएसपी सुनील शिवहरे ने बताया कि आरोपित हनुमंत रावत अपने ममेरे भाई गोविंदा को 2020 में नौकरी दिलाने के बहाने इंदौर ले गया था।

जहां दोनों ने प्राइवेट नौकरी की। इसके बाद 2021 में हनुमंत अपने साथ गोविंदा को लेकर भोपाल के पास खनपुरा मंडीदीप में चावल फैक्ट्री में नौकरी करना लगा था।

यहां गोविंदा, हनुमंत के बच्चे और पत्नी के साथ ही किराए के मकान में साथ रहता था। आरोपित ने पूछताछ में बताया कि गोविंदा उसकी पत्नी पर गलत नजर रखता था।

जिसके कारण उसने गोविंदा की हत्या करने की ठान ली। इसीको लेकर जनवरी माह में आरोपित ने अपनी पत्नी बच्चों को बहाने से बाजार भेज दिया। घर में गोविंदा के साथ बैठकर शराब पार्टी की।

इसी दौरान हनुमंत ने गोविंदा का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और शव को मकान के सेप्टिक टैंक में दफनाकर उसे सीमेंट से बंद कर दिया। इस घटना के बाद हनुमंत अपने परिवार के साथ वापिस इंदौर लौट आया। जहां वह लसुडिया मुक्तिधाम के पास निवास की वहां डिलेवरी बाय की नौकरी कर रहा था।

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