प्रतिबंध की अवधि में जंगल घूमना हो तो आएं मप्र, बारिश में भी सैर कराएगी सरकार

भोपाल : बारिश में जंगल घूमने की इच्छा रखते हैं तो मध्य प्रदेश आइए। यहां के प्रसिद्ध बांधवगढ़, कान्हा, पन्ना, संजय दुबरी एवं सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र (वन्य प्राणियों की न्यूनतम गतिविधियों वाला क्षेत्र) में पर्यटन चालू रहेगा।

‘बफर में सफर’ योजना के तहत पार्क प्रबंधन पर्यटकों को बफर क्षेत्र में सैर कराएगा और पर्यटन विभाग पार्कों के नजदीक के होटलों में उन्हें विशेष सुविधाएं देगा। प्रदेश में पर्यटन बढ़ाने व कोरोना काल में हुए घाटे की भरपाई के लिए ऐसा किया जा रहा है।

गौरतलब है कि प्रदेश में बारिश के तीन महीने (एक जुलाई से 30 सितंबर) तक पार्कों में पर्यटन बंद रखा जाता रहा है। ये समय वन्यप्राणियों का प्रजनन काल भी कहलाता है। प्रदेश में ‘बफर में सफर’ योजना 24 नवंबर 2020 से शुरू हुई है। इसके तहत उक्त प्रतिबंधित अवधि में भी पर्यटकों को पार्कों की सैर कराई जाती है।

हालांकि, वे कोर क्षेत्र (मूलत: वन्यप्राणियों का रहवास क्षेत्र) में नहीं जा सकेंगे। बफर क्षेत्र में भी वहीं तक जा सकेंगे, जहां तक कोई रुकावट (दलदल जमीन, नदी-नाले और रास्ता) न हो।

यह भी बारिश एवं स्थानीय परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। यदि ज्यादा बारिश होती है और नदी-नाले उफान पर आते हैं, तो पर्यटकों को सीमित क्षेत्र में ही सैर करवाई जा सकेगी। वे हाथी या जिप्सी में बैठकर ऊंचे-ऊंचे दरख्तों के बीच रिमझिम फुहार और उमड़ते-घुमड़ते मेघों का आनंद उठा सकेंगे।

इस बीच उन्हें कुछ वन्यप्राणी भी दिखाई दे सकते हैं, जो कहीं और मुमकिन होना मुश्किल होगा। सूत्र बताते हैं कि इस अवधि में पर्यटन विभाग इन पार्कों में आने वाले पर्यटकों को होटलों में रुकने पर विशेष छूट देने की तैयारी कर रहा है। विभाग जल्द ही इसकी घोषणा कर सकता है।

सड़कें उखड़ने के कारण बंद किया जाता है पर्यटन बारिश में नदी-नाले उफान पर होने और झरनों के कारण मिट्टी का कटाव होता है।

पार्कों में बनीं कच्ची सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, इसलिए पार्कों की सैर आसान नहीं होती। वहीं वन्यप्राणियों का यह प्रजनन काल होता है।

इसलिए उन्हें शांत वातावरण देने की कोशिश के चलते हर साल तीन माह पार्कों में पर्यटन बंद रखा जाता है, पर बफर में पर्यटन कराने के नियम पहले से हैं। वन अधिकारियों का कहना है कि आमतौर पर वन्यप्राणी कोर क्षेत्र में रहते हैं। इसलिए बफर क्षेत्र में पर्यटन चालू रखने में कोई दिक्कत नहीं है।

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