PM मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में वैश्विक शासन और आतंकवाद पर दिया मजबूत संदेश : रियो डी जेनेरियो में हुआ 17वां सम्मेलन, ‘रियो घोषणा’ को मिली स्वीकृति !

रियो डी जेनेरियो :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  ब्राजील की राजधानी रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया। सम्मेलन में वैश्विक शासन में सुधार, शांति और सुरक्षा, बहुपक्षवाद, आर्थिक सहयोग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।


ग्लोबल साउथ की आवाज और शासन सुधारों की मांग : प्रधानमंत्री ने “वैश्विक शासन में सुधार तथा शांति एवं सुरक्षा” विषय पर अपने उद्घाटन संबोधन में 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक संस्थानों में तत्काल सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और WTO जैसे निकायों में संरचनात्मक परिवर्तन की वकालत की, ताकि वे वर्तमान वैश्विक परिदृश्य को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित कर सकें।

भारत ने विकासशील देशों की ओर से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता की आवश्यकता को भी प्रमुखता से उठाया।


आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक कार्रवाई का आह्वान : प्रधानमंत्री ने अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का संदर्भ देते हुए कहा कि आतंकवाद केवल एक देश के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरी मानवता के विरुद्ध अपराध है। उन्होंने आतंकवाद को पनाह देने, उसका वित्त पोषण करने या उसे बढ़ावा देने वालों के खिलाफ कठोर वैश्विक कदम उठाने पर बल दिया और इस विषय में दोहरे मापदंड न अपनाने की आवश्यकता बताई।

उन्होंने ब्रिक्स नेताओं का हमले की निंदा करने के लिए आभार जताया और आतंकवाद के विरुद्ध “जीरो टॉलरेंस” नीति की अपील की।


कूटनीति को प्राथमिकता देने की बात : विश्व में जारी विभिन्न संघर्षों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत बातचीत और कूटनीति के माध्यम से समाधान की प्रक्रिया में भागीदार रहा है और आगे भी रहेगा। उन्होंने पश्चिम एशिया और यूरोप में बढ़ते संघर्षों को लेकर चिंता जताई।


आर्थिक सहयोग और AI पर भारत के चार सुझाव : दूसरे सत्र में, जिसका विषय था “बहुपक्षीय, आर्थिक-वित्तीय मामलों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता को मजबूत बनाना”, भारत ने चार प्रमुख सुझाव प्रस्तुत किए:

  1. ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक को दीर्घकालिक और मांग-आधारित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

  2. वैज्ञानिक एवं अनुसंधान भंडार की स्थापना की जाए जिससे वैश्विक दक्षिण के देश लाभान्वित हों।

  3. महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित और लचीला बनाने की रणनीति बनाई जाए।

  4. AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देते हुए जिम्मेदार और समावेशी वैश्विक AI शासन विकसित किया जाए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय की वैश्विक अनिश्चितता में BRICS एक स्थिर और प्रभावी मंच बन सकता है।


‘रियो घोषणा’ को मिली स्वीकृति : शिखर सम्मेलन के समापन पर ब्रिक्स सदस्य देशों ने ‘रियो डी जेनेरियो घोषणा’ को अपनाया, जिसमें साझा प्रतिबद्धताओं और सहयोगात्मक योजनाओं को शामिल किया गया है।

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