भोपाल, 26 नवंबर 2025। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने बुधवार को इंदौर स्थित कृषि महाविद्यालय में कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। कार्यक्रम के दौरान छात्रावास, अवसंरचना विस्तार और कृषि नवाचार से जुड़े कई कार्यों को महाविद्यालय को समर्पित किया गया।
जननायक टंट्या भील छात्रावास और एरोपोनिक्स यूनिट का लोकार्पण : राज्यपाल ने महाविद्यालय परिसर में जननायक टंट्या भील बालक छात्रावास, एरोपोनिक्स यूनिट, नवीनीकृत ऑडिटोरियम, मुख्य द्वार, और कन्या छात्रावास के उन्नयन कार्य का लोकार्पण किया। इसके साथ ही नवीन कन्या छात्रावास भवन का शिलान्यास भी किया गया।
इन अवसंरचनात्मक सुविधाओं को छात्रों को बेहतर आवास, शोध कार्यों के लिए आधुनिक संसाधन और तकनीकी वातावरण उपलब्ध कराने की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कृषि नवाचार और प्राकृतिक खेती पर जोर : कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल पटेल ने कहा कि बीते वर्षों में कृषि क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान कार्यों ने देश की उत्पादन क्षमता को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से भूमि और मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है, इसलिए जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ना समय की मांग है।
उन्होंने कृषि महाविद्यालय में विकसित अनुसंधान व नवाचारों की सराहना की और कहा कि एरोपोनिक्स जैसे आधुनिक कृषि मॉडल भविष्य में खेती के नए रास्ते खोल सकते हैं।
इसके साथ ही उन्होंने मोटे अनाज ‘श्रीअन्न’ को प्रोत्साहित करने के लिए तैयार किए गए एक विशेष पोस्टर का लोकार्पण भी किया।
महाविद्यालय की शताब्दी यात्रा और शोध परंपरा : राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलगुरु अरविंद शुक्ला ने बताया कि इंदौर का कृषि महाविद्यालय वर्ष 1924 में स्थापित हुआ था और यह प्रदेश में कृषि अनुसंधान का एक बड़ा केंद्र रहा है।
उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में दलहन, जैविक खेती और प्राकृतिक कृषि पद्धतियों पर लगातार शोध कार्य किए जा रहे हैं।
उन्होंने “ग्रीन ग्रेजुएशन कार्यक्रम” का उल्लेख करते हुए बताया कि यहां प्रत्येक विद्यार्थी “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत पौधारोपण और संरक्षण का संकल्प निभाता है।


