मुंबई : आयकर विभाग ने कुछ सर्राफा कारोबारियों के साथ हस्तशिल्प की खुदरा व निर्यात बिक्री, नकद वित्तीय पोषण और भूमि व आवासों की खरीद व बिक्री में शामिल एक कारोबारी समूह के खिलाफ छापामारी और जब्ती अभियान चलाया। इसके तहत राजस्थान और मुंबई में फैले 25 से अधिक परिसरों पर छापामारी की गई।
इस छापामारी अभियान के दौरान कई दोषी ठहराने योग्य दस्तावेज मिले हैं और इन्हें जब्त किया गया है। इन जब्त किए गए साक्ष्यों को देखने से इसके संकेत मिलते हैं कि समूह ने अचल संपत्ति के कारोबार में बेहिसाब नकद लेनदेन के साथ-साथ फर्जी खरीद बिल प्राप्त किए। इस समूह की कार्यप्रणाली सर्राफा कारोबारियों से प्राप्त सोने और चांदी के फर्जी बिलों के जरिए लेखा-बही में खरीद को बढ़ाकर हस्तशिल्प व्यवसाय के लाभ को छिपाने की रही है।
छापामारी के दौरान यह भी पाया गया है कि इन सर्राफा कारोबारियों को जारी किए गए चेक के बदले नकद वापस मिल गया है। इस नकदी का उपयोग रियल एस्टेट में निवेश के साथ-साथ लेखा- बही में क्रेडिट के रूप में प्रस्तुत किए जाने वाले चेक प्राप्त करने के लिए किया गया था। इसके अलावा इन जब्त किए गए साक्ष्यों से यह भी पता चला है कि समूह ने हाल ही में समायोजन (इंट्री) परिचालकों के जरिए कुछ फर्जी कंपनियों का अधिग्रहण किया था।
इस छापामारी अभियान में 1.30 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी और 7.90 करोड़ रुपये से अधिक के बेहिसाब सोने के आभूषण जब्त किए गए हैं। शुरुआती जांच में अब तक 100 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का पता चला है।इस मामले में आगे की जांच जारी है।