नई दिल्ली : सिडनी में आयोजित पहली भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा उद्योग व्यापार गोलमेज बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देश 2020 की व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत एक सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सह-निर्माता के रूप में अपनी भूमिका मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बैठक केवल संवाद का मंच नहीं, बल्कि दोनों देशों को रक्षा उद्योग, व्यापार और नवाचार के स्वाभाविक सहयोगी बनाने की दिशा में ठोस कदम है।
भारत बना विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था : राजनाथ सिंह ने बताया कि भारत आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन चुका है। रक्षा उत्पादन 1.51 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया है, जबकि रक्षा निर्यात 23,622 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर है। उन्होंने कहा कि “मेक इन इंडिया” और उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजनाओं ने रक्षा विनिर्माण को नई दिशा दी है।
संयुक्त अनुसंधान और उत्पादन पर बल : रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया प्रणोदन प्रौद्योगिकी, स्वचालित जल-वाहन, उड़ान सिमुलेटर और उन्नत सामग्रियों के सह-विकास और सह-उत्पादन में बड़ी संभावनाएँ रखते हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की कंपनियों को भारत में साझेदारी और निवेश के लिए आमंत्रित किया।
साझा भविष्य की ओर कदम : राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों के बीच विश्वास, नवाचार और औद्योगिक सहयोग से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और आत्मनिर्भरता का नया अध्याय लिखा जाएगा। उन्होंने कहा, “यह साझेदारी केवल आर्थिक नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से भी परिवर्तनकारी होगी।”


