भारत-रूस कृषि सहयोग को मिलेगी नई गति : कृषि व्यापार, अनुसंधान और शिक्षा में साझेदारी को बढ़ावा

नई दिल्ली :  भारत और रूस ने द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊँचाई पर ले जाने के लिए कृषि क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने तथा व्यापार विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण सहमति जताई है। यह निर्णय शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान और रूस के उप प्रधानमंत्री दिमित्री पात्रुशेव के बीच हुई उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया।


कृषि व्यापार बढ़ाने पर विशेष ज़ोर : बैठक में दोनों पक्षों ने आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें भारत के कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देकर कृषि व्यापार के विस्तार को प्राथमिकता दी गई। भारतीय पक्ष ने रूसी बाज़ार में प्रमुख कृषि उत्पादों के लिए बेहतर पहुँच सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया और लंबित मुद्दों के त्वरित समाधान की आशा व्यक्त की।


किसानों की आय और खाद्य सुरक्षा पर फोकस : कृषि मंत्री चौहान ने भारत की प्राथमिकताओं को साझा करते हुए कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि, खाद्य सुरक्षा और पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। उन्होंने वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को रेखांकित करते हुए वैश्विक सहयोग को आवश्यक बताया।


एमओयू और तकनीकी सहयोग की दिशा में कदम : रूसी उप प्रधानमंत्री पात्रुशेव ने कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत-रूस के दीर्घकालिक सहयोग को महत्वपूर्ण बताते हुए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) के माध्यम से साझेदारी को औपचारिक रूप देने की रुचि व्यक्त की। चर्चा में बीज ट्रेसेबिलिटी प्रणाली, तकनीकी साझेदारी और प्रौद्योगिकी-संचालित समाधानों पर संयुक्त पहल की संभावनाओं को भी तलाशा गया।


शिक्षा और अनुसंधान में सहयोग  : दोनों देशों ने शैक्षणिक आदान-प्रदान, छात्रवृत्ति अवसरों और कृषि अनुसंधान में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। यह पहल कृषि नवाचार और सतत विकास को नई दिशा प्रदान करेगी।

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