नई दिल्ली | भारत की डिजिटल क्षमता और दूरसंचार क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को रेखांकित करता हुआ भारत टेलीकॉम 2025 का शुभारंभ राजधानी में हुआ। दो दिवसीय इस आयोजन में विश्वभर के 35 से अधिक देशों के 130 विदेशी प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनी में 80 से अधिक भारतीय दूरसंचार और ICT कंपनियों ने अपने नवीनतम उत्पादों और समाधानों का प्रदर्शन किया।
तकनीक से वैश्विक साझेदारी की ओर बढ़ता भारत
यह आयोजन न केवल भारत की तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन था, बल्कि एक ऐसा मंच भी जहां विभिन्न देशों के नीति निर्माता, उद्योग जगत के प्रतिनिधि और स्टार्टअप एक साथ आए।
प्रदर्शनी में 5G, ऑप्टिकल फाइबर, उपग्रह संचार, AI नेटवर्क, IoT और क्वांटम तकनीकों से जुड़ी नवीनतम प्रगति प्रस्तुत की गई।
डिजिटल बुनियादी ढांचे पर ध्यान
भारत टेलीकॉम 2025 के दौरान भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया गया। आयोजकों के अनुसार, भारत में अब तक 4.7 लाख से अधिक मोबाइल टावर स्थापित किए जा चुके हैं और 99% गांवों को 5G नेटवर्क से जोड़ दिया गया है।
इसके साथ ही यह भी बताया गया कि डिजिटल कनेक्टिविटी अब केवल संचार तक सीमित नहीं रही, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्त और शासन तक सेवाओं की पहुँच का आधार बन चुकी है।

‘भारत से निर्मित’ की ओर रुझान
कार्यक्रम में यह भी सामने आया कि भारत अब वैश्विक तकनीक उपभोक्ता से एक तकनीक प्रदाता और निर्माता की भूमिका में आ चुका है।
कई वक्ताओं ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत का लक्ष्य अब केवल घरेलू ज़रूरतें पूरी करना नहीं, बल्कि दूरसंचार उत्पादों और सेवाओं के वैश्विक निर्यात को बढ़ाना है।
गंभीर व्यापार और नीति संवाद
भारत टेलीकॉम 2025 के हिस्से के रूप में कई B2B बैठकें, नीति संवाद, और नेटवर्किंग सत्र आयोजित किए गए। इनका उद्देश्य था — वैश्विक सहयोग को प्रोत्साहित करना, नए बाज़ारों की संभावनाएं तलाशना और भारत को डिजिटल क्षेत्र में एक भरोसेमंद साझेदार के रूप में स्थापित करना।
आयोजन के उद्देश्य और परिप्रेक्ष्य
भारत टेलीकॉम 2025 का आयोजन दूरसंचार उपकरण और सेवा निर्यात संवर्धन परिषद (TEPC) द्वारा दूरसंचार विभाग (DoT) के सहयोग से किया गया।
इसका उद्देश्य भारत को एक वैश्विक टेलीकॉम निर्यात केंद्र के रूप में प्रस्तुत करना है — जहां से ICT उत्पादों, सेवाओं और अगली पीढ़ी की डिजिटल तकनीकों का प्रसार हो सके।
प्रमुख तथ्य :-
● 35 से अधिक देशों के 130+ प्रतिनिधियों की भागीदारी
● 80 से अधिक भारतीय कंपनियों द्वारा तकनीकी प्रदर्शन
● 5G कनेक्टिविटी में 99% गांव शामिल
● उपग्रह संचार, क्वांटम नेटवर्क, AI नेटवर्किंग पर विशेष सत्र
● नीति निर्माताओं, स्टार्टअप्स और उद्योगों के बीच संवाद