नई दिल्ली : भारतीय नौसेना ने फिर से साबित कर दिया कि आपदा की घड़ी में उसकी तत्परता और साहसिक कार्रवाई किसी भी चुनौती का सामना कर सकती है। 13 जून को भीषण आग की चपेट में आए एमवी वान हाई 503 जहाज पर फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए नौसेना ने हवाई मार्ग से एक जटिल और जोखिमपूर्ण बचाव अभियान को अंजाम दिया।
कोच्चि स्थित आईएनएस गरुड़ से एक सी किंग हेलीकॉप्टर को तैनात कर बचाव दल को जहाज पर पहुंचाया गया। चुनौतीपूर्ण मौसम और समुद्री लहरों के बीच हेलीकॉप्टर ने बचाव दल के सदस्यों को आग से घिरे जहाज पर सुरक्षित उतारा। दल ने जहाज की स्थिति का तत्काल आकलन कर टग ऑफशोर वॉरियर के माध्यम से रस्सी जोड़ने का कार्य पूरा किया। यह रस्सी जहाज को खींचने के लिए आवश्यक थी, जिससे उसे सुरक्षित जल क्षेत्र की ओर ले जाया जा सके।
बचाव दल की तत्परता और प्रशिक्षित कार्रवाई ने ऑपरेशन को सफलता दिलाई। जैसे ही रस्सी जोड़ने का काम पूरा हुआ, नौसेना के हेलीकॉप्टर ने पुनः मौके पर पहुंचकर दल के सदस्यों को सुरक्षित निकाल लिया। इस प्रकार जहाज को खींचने की प्रक्रिया शुरू हो पाई और आग से और अधिक नुकसान को रोका जा सका।
वर्तमान में भारतीय नौसेना का आईएनएस शारदा और ओएसवी एमवी ट्राइटन लिबर्टी पोत भारतीय तटरक्षक बल तथा अन्य समुद्री एजेंसियों के साथ मिलकर बचाव कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं। यह अभियान भारतीय नौसेना के अदम्य साहस, उत्कृष्ट समन्वय और आपदा प्रबंधन में दक्षता का एक और उदाहरण है।
इस सफल बचाव कार्य ने ना केवल फंसे लोगों की जान बचाई बल्कि समुद्री क्षेत्र में संभावित पर्यावरणीय नुकसान को भी कम किया। भारतीय नौसेना का यह प्रयास समुद्री आपदा के प्रबंधन में उसकी अहम भूमिका को दोहराता है और देशवासियों को सुरक्षा का विश्वास दिलाता है।
