Datia news : दतिया। अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही और इलाज में देरी के कारण एक मासूम की जान चली गई। इंदरगढ़ अस्पताल में गुरुवार दोपहर उस समय हंगामा मच गया जब चिकित्सक के रेफर करने के दो घंटे बाद भी मासूम को उपचार के लिए ले जाने को एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची।
जिसके कारण उसकी सांसे थम गई और मासूम ने दमतोड़ दिया। घटना से नाराज मृतक बच्चे की मां और अन्य लोगों ने इसे लेकर अस्पताल में हंगामा मचा दिया। लापरवाहों की शिकायत लेकर पीड़ित मां इंदरगढ़ थाने भी पहुंची।
जहां थाना प्रभारी नहीं होने के कारण मामला दर्ज नहीं हो सका। हंगामा बढ़ता देख अस्पताल प्रबंधन ने एक निजी एंबुलेंस मंगाकर आनन फानन में मृतक बच्चे के साथ पीड़िता को घर रवाना कर दिया।
जानकारी के अनुसार ग्राम बडेरी निवासी महिला रेनू जाटव पत्नी प्रताप जाटव अपने छह माह के बच्चे की तबियत खराब होने पर उसे लेकर गुरुवार सुबह दस बजे इलाज कराने इंदरगढ़ अस्पताल आई थी। यहां भी काफी देर इंतजार के बाद उसके बच्चे का ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक ने 12 बजे तक सिर्फ एक बोतल चढ़ाकर उपचार किया।
इसके बाद दतिया रेफर का पर्चा थमा दिया। करीब दो घंटे तक महिला अपने बीमार बच्चे को गोद में लेकर अस्पताल के ओपीडी के मुख्य द्वार पर एंबुलेंस आने के इंतजार में बैठी रही। इलाज में देरी के चलते बच्चे की हालत बिगड़ने लगी और उसने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया।
आरोप उपचार में बरती लापरवाही : मृतक बच्चे की मां रेनू ने घटना के बाद अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया। उसका आरोप था कि चिकित्सक ने बच्चे के उपचार में लापरवाही बरती। जिसके कारण उसके बच्चे की जान गई है। महिला का कहना था कि चिकित्सक ने उपचार में कोई रुचि नहीं दिखाई और मात्र ड्रिप चढ़ा दी।
जब बच्चे की तबियत बिगड़ने लगी तो उसे दतिया जिला अस्पताल रेफर कर दिया। इसके बाद पर्चा पकड़ाकर महिला को एंबुलेंस के इंतजार में बैठा दिया गया। दो से तीन घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं आई। ऐसे में उसकी मदद के लिए भी अस्पताल की ओर से कोई आगे नहीं आया।