Datia news : दतिया। इंदरगढ़ अस्पताल में 6 माह के मासूम की जान उपचार के अभाव में चली जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया। जिसके बाद अगले दिन शुक्रवार को जिला प्रशासन ने इस पूरे मामले की तह तक जाने के लिए जांच दल इंदरगढ़ भेजा। जिसमें शामिल एसडीएम ने अन्य अधिकारियों के साथ घटना के समय मौजूद स्टाफ सहित अन्य लोगों से पूछतांछ की।
वहीं इस मामले को लेकर मृतक बच्चे की मां के भी कथन लेने के प्रयास किए गए। जांच दल के अस्पताल पहुंचते ही सारा स्टाफ अलर्ट मोड पर आ गया। संबंधित व्यवस्थाओं में सुधार करवाते नजर आए।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इंदरगढ़ पर गुरुवार को एंबुलेंस के इंतजार में एक छह माह के मासूम की जान चले जाने के मामले को लेकर कलेक्टर संजय कुमार ने शुक्रवार को चार सदस्सीय जांच दल इंदरगढ़ अस्पताल भेजा। जांच दल में शामिल एसडीएम सेवढ़ा अनुराग निंगवाल, सीएमएचओ डा.आरबी कुरेले, थाना प्रभारी इंदरगढ़ धीरेंद्र मिश्रा, नायब तहसीलदार सुनील भदौरिया ने अस्पताल पहुंचकर संबंधितों के कथन लिए।
इस दौरान बीएमओ अरुण शर्मा, महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी हरनोद शर्मा, पटवारी मनोज गुप्ता, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ कर्मचारी उपस्थित रहे।
बता दें कि गत 27 अप्रैल को ग्राम बडेरी निवासी महिला रेनू पत्नी जगत सिंह जाटव अपने छह माह के बीमार बच्चे का उपचार कराने इंदरगढ़ अस्पताल आई थी। महिला का आरोप था कि अस्पताल के चिकित्सक ने बच्चे का सही उपचार नहीं किया और उसे रेफर कर दिया।
इसके बाद समय पर एंबुलेंस वाहन नहीं आने से इलाज में देरी से बच्चे ने दमतोड़ दिया। घटना को संज्ञान में लेकर कलेक्टर संजय कुमार ने चार सदस्यीय जांच दल गठित कर शुक्रवार को इंदरगढ़ भेजा।
जांच अधिकारियों ने गांव बड़ेरी की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता और एंबुलेंस स्टाफ, अस्पताल स्टाफ सहित चिकित्सकों के कथन लिए। समाचार लिखे जाने तक पीड़ित महिला रेनू जाटव के कथन नहीं लिए जा सके थे। इस संबंध में एसडीएम अनुराग निंगवाल ने बताया कि जांच कर शीघ्र ही जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपा जाएगा। इस दौरान जांच दल ने अस्पताल की व्यवस्थाओं का भी निरीक्षण किया।