विश्व एकजुटता का प्रतीक बना अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस — PM मोदी ने कहा : “तनाव से गुजर रही दुनिया के लिए योग बना पॉज बटन”

विशाखापट्टनम  : आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भव्य आयोजन के साथ मनाया गया। समुद्र तट पर लाखों नागरिकों ने कॉमन योग प्रोटोकॉल सत्र में भाग लिया। योग सत्र में हर आयु वर्ग के लोग शामिल हुए और स्वस्थ जीवनशैली का संदेश दिया गया। 

PM मोदी – “तनाव से गुजर रही दुनिया के लिए योग बना पॉज बटन” : प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि योग ने पूरी दुनिया को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह किसी एक देश, सीमा, उम्र या सामाजिक पृष्ठभूमि तक सीमित नहीं है बल्कि सबके लिए समान रूप से उपयोगी है। उन्होंने कहा कि योग हमें यह सिखाता है कि हम प्रकृति से अलग कोई इकाई नहीं हैं, बल्कि उसी के हिस्से हैं। योग व्यक्ति को ‘मैं’ से ‘हम’ की ओर ले जाता है और समाज में सामूहिकता तथा समरसता की भावना को मजबूत करता है।

प्रधानमंत्री ने वर्तमान वैश्विक हालात का जिक्र करते हुए कहा कि जब दुनिया अशांति और तनाव से गुजर रही है, तब योग शांति और संतुलन का ऐसा माध्यम बन गया है जो मानवता को फिर से पूर्ण और संतुलित बनाने का अवसर देता है। उन्होंने इसे आज के समय का ‘पॉज बटन’ बताया, जो हर किसी के लिए बेहद जरूरी है।

उन्होंने अपील की कि इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को ‘मानवता के लिए योग 2.0’ की नई शुरुआत माना जाए, जिसमें आंतरिक शांति को वैश्विक नीति का हिस्सा बनाते हुए योग को हर व्यक्ति के जीवन का अभिन्न अंग बनाया जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि योग संघर्ष से सहयोग और तनाव से समाधान की दिशा में दुनिया को आगे बढ़ाने की शक्ति रखता है।

एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ थीम पर राष्ट्रीय आयोजन : इस वर्ष योग दिवस की थीम ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ रखी गई, जो मानव और प्रकृति के परस्पर संबंध को उजागर करती है। आयोजन स्थल पर पर्यावरण संरक्षण और सामूहिक स्वास्थ्य जागरूकता को केंद्र में रखकर योग प्रदर्शन किया गया।

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 योग अनुसंधान और आयुष वीजा पर फोकस : योग को वैज्ञानिक दृष्टि से और मजबूत बनाने के लिए चिकित्सा संस्थानों में शोध को बढ़ावा दिया जा रहा है। योग प्रमाणन बोर्ड, सामान्य योग प्रोटोकॉल और आयुष वीजा जैसी योजनाओं से इसे वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।


 सामूहिक भागीदारी से योग जन-आंदोलन की दिशा में : देशभर में 3.5 लाख से अधिक स्थानों पर एक साथ योग संगम कार्यक्रम आयोजित हुए। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से लाखों लोगों ने योग के लिए पंजीकरण कराया और परिवारों के साथ योग किया। आयोजन ने स्पष्ट किया कि योग अब केवल व्यक्तिगत साधना नहीं बल्कि सामूहिक स्वास्थ्य और शांति का साधन बन गया है।

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