पटना : पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आइएसआइ) बिहार और उत्तर प्रदेश की ट्रेनों में टाइमर बम लगाने की साजिश रच रही है।
खासकर ऐसी ट्रेन, जिसमें बड़ी संख्या में मजदूर सफर करते हैं, उसको बम से उड़ाने की साजिश का पर्दाफाश हुआ है।
सूत्रों के अनुसार, दरभंगा पार्सल विस्फोट इसी मिशन का हिस्सा था। मामला संज्ञान में आने के बाद बिहार पुलिस मुख्यालय ने इसको लेकर रेल पुलिस के साथ पुलिस-प्रशासन को भी अलर्ट किया है।
रेल पुलिस मुख्यालय की ओर से भी सभी राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी), रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) जवानों को अलर्ट रहने और स्थानीय पुलिस-प्रशासन के साथ समन्वय कर कड़ी चौकसी बरतने का निर्देश दिया गया है।
तारों को जोड़ो और ट्रेन में बम लगाओ : जानकारी के अनुसार, आइएसआइ ने पंजाब में अपना संपर्क बढ़ाने के लिए आतंकियों को टाइमर के साथ बम देने की पेशकश की। आतंकियों को निर्देश दिया कि तारों को जोड़ो और ट्रेनों में बम लगाओ।
ऐसी ट्रेनों में बम लगाने को कहा गया जिसमें उप्र-बिहार के मजदूर आते-जाते हैं। इसका मकसद मजदूरों को निशाना बनाने के साथ कानून-व्यवस्था की स्थिति को बाधित करना था।
एक और कारण यह हो सकता है कि ऐसी ट्रेन में सुरक्षा-व्यवस्था अपेक्षाकृत कमजोर होती है। अतिरिक्त महानिदेशक रेल निर्मल कुमार आजाद ने वरीय अधिकारियों के साथ सुरक्षा को लेकर बैठक की।
पूछताछ में मिले अहम सुराग : दरभंगा पार्सल विस्फोट मामले में पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ में ट्रेनों में विस्फोट की साजिश से जुड़े कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस को भी इस बाबत अलर्ट किया गया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) भी इस बिंदु पर और विस्तार से जांच कर रही है। अभी तक सिर्फ नासिर, इमरान, कफील से ही पूछताछ हो पाई है। उत्तर प्रदेश के कैराना से पकड़े गए मुख्य आरोपित सलीम से पूछताछ होनी बाकी है।
तबीयत खराब होने के कारण एनआइए को उसकी रिमांड नहीं मिल पाई है। उससे पूछताछ में इससे जुड़े कई अहम खुलासे हो सकते हैं। फिलहाल एनआइए हैदराबाद से पकड़े गए नासिर और इमरान को अपने साथ ले गई है। दोनों की रिमांड 16 जुलाई तक है।