रांची : 465 करोड़ की लागत से बने झारखंड विधानसभा के नए भवन और झारखंड हाई कोर्ट की नई बिल्डिंग के निर्माण में हुई गड़बड़ी की जांच होगी। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को जांच की जिम्मेदारी दी गई है।
गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बाबत आदेश जारी किया। हाई कोर्ट भवन के निर्माण पर 697 करोड़ की लागत आई है। शुरुआती प्राक्कलन के बाद भवनों के प्राक्कलन को भी संशोधित किया गया। इसके लिए आवश्यक मंजूरी नहीं ली गई।
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में दोनों भवनों के टेंडर से लेकर निर्माण की प्रक्रिया पूरी हुई। दोनों भवनों की जांच हुई तो दायरे में राज्य सरकार के वरीय प्रशासनिक अधिकारी समेत कुछ सेवानिवृत्त अफसर भी आ सकते हैं। नए विधानसभा भवन का निर्माण रामकृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी ने कराया है।
विधानसभा में टेंडर के समय लागत 465 करोड़ से घटाकर 323.03 करोड़ कर दी गई, लेकिन इसके बाद वास्तु दोष के नाम पर निर्माण का क्षेत्रफल बदलकर बढ़े हुए क्षेत्रफल का काम भी ठेकेदार को दे दिया। इस प्रकार टेंडर राशि में 136 करोड़ की बढ़ोतरी हुई। भवन की फाल्स सीलिंग दो बार गिर चुकी है।
झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन निर्माण में अधिकारियों और संवेदक रामकृपाल कंस्ट्रक्शन लिमिटेड की मिलीभगत से वित्तीय अनियमितता का आरोप है। सरकार की ओर से बनाई गई पांच सदस्यीय कमेटी ने भी वित्तीय अनियमितता पर मुहर लगाई है।