Datia News : दतिया। शुक्रवार को जिगना क्षेत्र की पंचायत पठारी के गांव काम्हर में ऐसे ही झोलाछाप डाक्टर के जबरन इलाज से मासूम 11 माह की बालिका की सांसें थम गई। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर आरोपित की तलाश शुरू कर दी है। लगातार घट रही इस तरह की घटनाएं स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों को कठघरे में खड़ी करती है।
आखिर समय रहते कई बार शिकायतों के बाद भी झोलाछाप डाक्टरों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती। जब कहीं किसी की जान पर बन आती है तब जाकर स्वास्थ्य महकमा नींद से जागता है। इसके बाद भी कार्रवाई के नाम सिर्फ रस्म अदायगी कर मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।

जिगना थाना क्षेत्र के ग्राम काम्हर निवासी हनुमंत अहिरवार की 11 माह की बच्ची वैष्णवी को बुखार और जुकाम की शिकायत थी। जिसका इलाज करने वाले झोलाछाप डाक्टर दीपक पुत्र प्रताप परिहार ने स्वजन के मना करने बावजूद मासूम बच्ची को उपचार के लिए इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगते ही बच्ची की हालत बिगड़ गई और उसकी सांसे थम गई।

यह देखकर घबराए स्वजन उसे लेकर जिला अस्पताल लेकर दौड़े। जहां चिकित्सक ने जांच उपरांत उसे मृत घोषित कर दिया। स्वजन का आरोप है कि वो सिर्फ दवा के लिए गांव के उक्त डाक्टर के पास गए थे, लेकिन उसने जबरन बच्ची को इंजेक्शन मना करने के बाद भी लगा दिया।
इधर जैसे ही झोलाछाप डाक्टर को बच्ची के मरने की खबर लगी वह मौके से फरार हो गया। जिगना थाने के एएसआई महेश श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की सूचना प्राप्त हुई है। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामला जांच में लिया है।
चार दिन में घटी दूसरी घटना : गत मंगलवार को भांडेर अनुभाग के पंडोखर में भी एक झोलाछाप तथाकथित डाक्टर द्वारा किए गए 14 माह के बालक के उपचार के बाद दम तोड़ने का मामला सामने आया था। मृत बालक के स्वजन उपचार दौरान बच्चे की हालत बिगड़ने पर उसे भांडेर लाए और डा.आरएस परिहार को दिखाया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
डा.परिहार के अनुसार बच्चा पहले ही दम तोड़ चुका था। झोलाछाप डाक्टर का यह मामला जब सामने आया तो स्वास्थ्य महकमा सक्रिय हुआ। गुरुवार को नसबंदी शिविर के दौरान भांडेर पहुंचे सीएमएचओ दतिया डा.आरबी कुरेले, बीएमओ डा.आरएस परिहार के साथ पंडोखर झोलाछाप डाक्टर के क्लीनिक पर पहुंचे। लेकिन वह बंद मिला। लोगों के अनुसार घटना के बाद से ही क्लीनिक संचालक अपना क्लीनिक बंद करके चला गया था।