देहरादून : उत्तराखंड के केदारनाथ सेक्टर में रविवार तड़के हुए एक गंभीर हेलिकॉप्टर हादसे ने चार धाम यात्रा के हवाई संचालन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आर्यन एविएशन का बेल 407 हेलिकॉप्टर (वीटी-बीकेए) जिसमें पांच यात्री, एक शिशु और चालक दल का एक सदस्य सवार था, रविवार सुबह गौरीकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
यह हेलिकॉप्टर गुप्तकाशी से सुबह 05:10 बजे उड़ा और केदारनाथ जी हेलिपैड पर 05:18 बजे उतरा। वहां से 05:19 बजे वापस गुप्तकाशी के लिए रवाना हुआ और 05:30 से 05:45 बजे के बीच हादसा हो गया। शुरुआती संकेतों के अनुसार खराब दृश्यता और घाटी में घने बादल इस दुर्घटना का मुख्य कारण हो सकते हैं। हेलिकॉप्टर संभवत: नियंत्रित उड़ान के दौरान दुर्गम भूभाग से टकराया। हादसे की विस्तृत जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जाएगी।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर बचाव अभियान चला रही हैं और लगातार राहत कार्य में जुटी हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तत्काल आपात बैठक बुलाई और यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कई कड़े कदम उठाए हैं।
सबसे पहले चार धाम यात्रा के लिए आर्यन एविएशन का संचालन तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, ट्रांसभारत एविएशन के दो पायलटों को भी खराब मौसम में उड़ान भरने पर छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। सुरक्षा के लिहाज से 15 और 16 जून को क्षेत्र में सभी चार्टर और शटल हेलिकॉप्टर सेवाएं रोक दी गई हैं।
यूसीएडीए को आदेश दिए गए हैं कि सेवाओं के दोबारा संचालन से पहले सभी पायलटों और ऑपरेटरों की सुरक्षा समीक्षा की जाए। नागर विमानन मंत्रालय ने डीजीसीए को केदारनाथ घाटी में हेलिकॉप्टर उड़ानों की कड़ी निगरानी का निर्देश दिया है।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि हवाई संचालन में सुरक्षा मानकों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और नियम तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Image Credit – Govt of Uttarakhand Site.