Datia news : दतिया। विरोधी पक्ष को फंसाने के उद्देश्य से आरोपित ने अपने ही पिता की हत्या कर दी। इसके बाद दूसरे पक्ष के लोगाें के नाम रिपाेर्ट दर्ज करा दी। लेकिन जब मामले का खुलासा हुआ तो आरोपित की इस करतूत का खुलासा हुआ।
जिसके बाद पंद्रह वर्ष पुराने एक मामले में आरोपित जावेद उर्फ जावेली को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा अपर जिला जज रोहित सिंह ने सुनाई है। मामले के पैरवीकर्ता अपर लोक अभियोजक राजेश पस्तोर ने बताया कि घटना दिनांक 21 अप्रैल 2008 को सरसई तिराहे के पास पप्पू उर्फ मतीउद्दीन व फुल्ले ने ईमाम बख्श एवं जमील की हत्या कर दी थी।
केस से बचने के लिए आरोपित फुल्ले ने घटना दिनांक को ही जावेद उर्फ जावेली और अन्य साथियों के साथ मिलकर अपने वृद्ध बीमार पिता की हत्या कर दी और फरियादी पक्ष को झूठे हत्या के मामले में फंसाने का षडयंत्र रचा । इस मामले में पुलिस थाना जाकर फरियादी के विरुद्ध रिपोर्ट लिखा दी।

पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ की। पुलिस ने विवेचना दौरान पाया गया कि आरोपित फुल्ले ने अपने भाई पप्पू उर्फ मतीउद्दीन, जावेद और अन्य साथियो के साथ ईमाम बक्श व जमील की हत्या के केस से बचने के लिए अपने वृद्ध पिता की हत्या की है और फरियादी पक्ष को झूठा फंसाया है।
जांच पश्चात पुलिस थाना भांडेर ने आरोपित पप्पू उर्फ मतीउद्दीन, फुल्ले, जावेद उर्फ जावेली व अन्य आरोपितों के विरूद्ध मामला दर्ज कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया।
इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश दतिया रोहित सिंह के न्यायालय ने अपर लोक अभियोजक राजेश पस्तोर के तर्को से सहमत होते हुए आरोपित जावेद उर्फ जावेली को जैनउद्दीन की हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया है।