krishna friendship quotes in hindi
दोस्ती को दुनिया में बेहद ही पवित्र रिश्ता माना जाता है। ऐसे में इस खास रिश्ते को मनाने के लिए भारत में हर साल अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे यानि दोस्तों का दिन मनाया जाता है।(krishna friendship quotes in hindi) इ
krishna friendship quotes in hindi
स साल यह दिन 1 अगस्त यानि आज पड़ रहा है। मगर क्या आप जानते हैं कि सच्ची दोस्ती निभाने, दोस्तों को बराबरी का सम्मान देना आदि निभाने का रिवाज युगों से चल रहा है?
जी हां, द्वापरयुग के भगवान श्रीकृष्ण व उनकी दोस्ती आज तक सभी को याद है। उन्होंने अपने हर रिश्ते के साथ दोस्ती को भी बिना किसी स्वार्थ के निभाया।(krishna friendship quotes in hindi) वहीं आज के युग में तो लोग अपनों से भी कुछ गलत करने से चूकते नहीं है। (krishna friendship quotes in hindi) ऐसे में हमें श्रीकृष्ण के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। चलिए आज हम आपको भगवान श्रीकृष्ण के ऐसे 4 मित्रों के बारे में बताते हैं, जिनकी भगवान ने मदद करने के साथ जीवनभर पूरा सम्मान भी दिया।
कृष्ण-सुदामा (krishna sudama friendship quotes)
krishna and sudama दोस्ती : श्रीकृष्ण के मित्रता में उनके मित्र सुदामा को सबसे पहले याद किया जाता है। वे भगवान श्रीकृष्ण के बचपन के सखा यानि दोस्त थे। मगर श्रीकृष्ण महलों में रहने वाले राजा थे और सुधामा एक गरीब ब्राह्माण था। (sudama krishna friendship) मगर फिर भी श्रीकृष्ण अपनी दोस्ती से बढ़कर कुछ नहीं समझते थे। (krishna sudama friendship quotes).
krishna and sudama दोस्ती : तभी तो जब उसके दोस्त उनसे आर्थिक सहायता मांगने के लिए द्वाारका उनके महल पहुंचे थे तो उन्हें संशय था कि भगवान श्रीकृष्ण उन्हें पहचानेंगे नहीं। (sudama krishna friendship) मगर असल में सुदामा का नाम सुनते ही भगवान नंगे पैस दौड़ते हुए उनसे भेंट करने गए। इतना ही नहीं वे पूरे आदर से सुदामा को महल लेकर गए और उनकी हालत देखकर भावुक होकर रो पड़े। (krishna sudama friendship quotes).
krishna and sudama दोस्ती : एक गरीब ब्राह्माण के स्नेह में भगवान श्रीकृष्ण को रोता हुआ देखकर उनकी रानियां व प्रजा भी हैरान रह गई थी। इसके साथ सुदामा द्वारा भेंट स्वरुप लाए कच्चे चावल श्रीकृष्ण ऐसे प्रेमपूर्वक खाए जैसे वो उनके लिए विशेष पकवान लेकर आए हो।(krishna sudama friendship quotes) वे अपने बचपन के मित्र सुदामा को देखते ही उनकी सभी चिंताएं समझ गए और उनके बिना मांगे ही उन्होंने सुदामा को महल, धन आदि सब कुछ दे दिया।(sudama krishna friendship)
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श्रीकृष्ण-अर्जुन (krishna and Arjun friendship quotes)
krishna and Arjun friendship : कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन रिश्ते में भाई लगते थे। मगर श्रीकृष्ण उन्हें अपना दोस्त ही समझते या मानते थे। कुरूक्षेत्र युद्धस्थल पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन का सारथी बनकर रथ चलाया था। (krishna and Arjun friendship quotes) साथ ही उन्हें सच्चाई के मार्ग पर चलाने के लिए न्याययुद्ध का पाठ पढ़ाया था।(krishna and Arjun दोस्ती) साथ ही रणभूमि पर अर्जुन के कमजोर पड़ने पर उसे प्रोत्साहित करते थे। ऐसे में श्रीकृष्ण का साथ और मार्गदर्शन पाकर अर्जुन ने अधर्म के विरुद्ध युद्ध किया। साथ ही जीत हासिल की।
श्रीकृष्ण-द्रोपदी (krishna and Draupadi friendship quotes)
krishna and Draupadi friendship : पांडव पत्नी द्रौपदी श्रीकृष्ण को अपना भाई व दोस्त मानती थी। वहीं जब द्रोपदी का चीरहरण हो रहा था तब उन्होंने श्रीकृष्ण को याद कर उनसे मदद की गुहार की थी। तब श्रीकृष्ण ने भी उनकी पुकार सुनकर मदद की और चीरहरण से रक्षा की थी। (krishna and Draupadi Storie) इससे हमें सीख मिलती है कि मित्र के मुसीबत में होने पर उसकी मदद करने को हमेशा तैयार रहना चाहिए। (krishna and Draupadi Katha)
श्रीकृष्ण-अक्रूर (krishna and Akrur friendship quotes)
krishna and Akrur friendship : अक्रूर जी रिश्ते में भगवान श्रीकृष्ण के चाचा थे। मगर वे उनके अनन्य भक्तों में से एक थे। अक्रूर द्वारा ही श्रीकृष्ण और उनके भाई बलराम वृन्दावन से मथुरा आए थे। (krishna and Akrur friendship)
krishna and Akrur Sambad : मथुरा जाते समय रास्ते में भगवान श्रीकृष्ण ने अक्रूर को अपने वास्तविक स्वरूप के दर्शन दिए थे। तब परमात्मा के दर्शन करके अक्रूर जी ने अपने आपको उनको समर्पित कर दिया था।(krishna and Akrur katha) वहीं भगवान और भक्त का संबंध होने पर भी श्रीकृष्ण ने इसे दोस्ती की तरह निभाया। ऐसे में आज के इस दौर में इन्हें देखकर यह कहा जा सकता है कि मन साफ और पवित्र हो तो भगवान और भक्त में भी सच्ची दोस्ती का रिश्ता हो सकता है।(krishna and Akrur Kahani)
राम और सुग्रीव (Ram and sugrive friendship quotes)
Ram and sugrive friendship : रामायण में राम और सुग्रीव की मित्रता भी एक बहुत बड़ी मिसाल मानी जाती है. सीता हरण के बाद जब राम अपने भाई लक्ष्मण के साथ ऋषिमुख पहाडियों में अपनी पत्नी की तलाश में भटक रहे थे. (Ram and sugrive friendship) वहीं पर राम और सुग्रीव की मुलाकात हुई. इसके बाद दोनों (राम सुग्रीव मित्रता) मित्रता के ऐसे बंधन में बंधे कि निस्वार्थभाव से जीवनभर एक-दूसरे का साथ निभाते रहे. सुग्रीव मित्र होने के बाद भी राम को ईश्वरतुल्य सम्मान देते रहे तो वहीं राम ने भी हमेशा ही सुग्रीव को भक्त के साथ-साथ मित्र का भी दर्जा दिया.(राम सुग्रीव मित्रता)