केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने की बड़ी कार्रवाई : नीमच व सयुंक्त टीम ने हिमाचल प्रदेश में 1,032 हेक्टेयर में अवैध गांजे की खेती को किया नष्ट !

शिमला : केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) के अधिकारियों ने हिमाचल प्रदेश में दो सप्ताह तक चले नशीले पदार्थों को नष्ट करने के सबसे बड़े अभियानों में से एक के दौरान 1032 हेक्टेयर (12,900 बीघा) में अवैध भांग (गांजा) की खेती को नष्ट कर दिया। हिमाचल प्रदेश में अवैध भांग (गांजा) की खेती के बारे में ठोस खुफिया जानकारी मिलने पर सीबीएन के अधिकारियों की कई टीमें गठित की गईं और उन टीमों को रवाना किया गया।

सीबीएन के अधिकारियों ने खुफिया जानकारी का सत्यापन किया और उसके बाद भौतिक सर्वेक्षण किए जिसके परिणामस्वरूप और अधिक दायरे में फैली अवैध खेती का पता चला। इसके बाद जिला प्रशासन, वन विभाग और पुलिस के सहयोग से इस अवैध खेती को नष्ट करने का अभियान शुरू किया गया।

WhatsApp Image 2022-09-20 at 2

Banner Ad

इस अभियान के दौरान, सीबीएन के अधिकारियों द्वारा कार्रवाई करने के साथ-साथ ग्रामीणों में जागरूकता पैदा करने की दोतरफा रणनीति अपनायी गई।

WhatsApp Image 2022-09-20 at 2

शरीर और मन पर नशीले पदार्थों के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में ग्रामीणों को जागरूक करके सामुदायिक एकजुटता के तरीके को अपनाया गया। नशीले पदार्थों की वजह से युवाओं और बच्चों के भविष्य पर मंडराने वाले खतरे के बारे में बताया गया।

ग्राम प्रधानों और सदस्यों को एनडीपीएस अधिनियम के प्रासंगिक दंड प्रावधानों के बारे में भी समझाया गया, जिसके परिणामस्वरूप ग्रामीणों द्वारा गांवों के आसपास अवैध भांग के बागानों को नष्ट करने का प्रस्ताव पारित किया गया। ग्रामीणों ने सीबीएन अधिकारियों की देखरेख में सक्रिय रूप से इस अभियान में भाग लेकर अवैध खेती को नष्ट करने में सीबीएन के अधिकारियों की सहायता की।

WhatsApp Image 2022-09-20 at 2

सीबीएन के अधिकारियों की चार टीमों को एक ही साथ कई क्षेत्रों में कार्रवाई करने का दायित्व दिया गया और उन्हें बड़े दायरे में फैली भांग की अवैध खेती वाले कुछ क्षेत्रों में संयुक्त रूप से काम करने की छूट दी गई। इस अभियान की संवेदनशील प्रकृति को ध्यान में रखते हुए इस समूची कार्रवाई के दौरान वन विभाग, राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारी भी इन टीमों के साथ रहे। यह उल्लेखनीय है कि चूंकि यह सेब और अनार की कटाई का मौसम है, 

कामगारों की उपलब्धता एक समस्या थी। लेकिन यह बाधा सीबीएन के टीमों के धैर्य और दृढ़ संकल्प को रोकने में विफल रही, जो खड़ी ढलानों और बारिश वाले दुर्गम इलाकों में कार्रवाई में जुट गई और अवैध खेती को नष्ट करने का अभियान चलाया।

सीबीएन के अधिकारी रोजाना समुद्र तल से  11,000 फीट की ऊंचाई तक चढ़ाई की और यहां तक ​​कि संवेदनशील क्षेत्रों में डेरा भी डाला ताकि भांग की अवैध खेती को नष्ट करने के काम में तेजी लाई जा सके। बाद में डीआरआई (राजस्व खुफिया निदेशालय) के अधिकारी भी इस अभियान में शामिल हो गए।

संवेदनशील स्थानों को टैग/चिन्हित करने के लिए जीपीएस निर्देशांक का उपयोग किया गया और ड्रोन का उपयोग अवैध भांग (गांजा) की खेती वाले क्षेत्रों का पता लगाने व निगरानी के लिए किया गया, जिसके परिणामस्वरूप इस पूरे अभियान को काफी सफलता मिली।

केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के नारकोटिक्स कमिश्नर श्री राजेश एफ. ढाबरे ने कहा, “ इसी तरह की तत्परता के साथ देश के अन्य हिस्सों में भी मिशन कार्रवाई जारी रहेगी और सीबीएन नशीली पदार्थों के खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।” इस पूरे अभियान के दौरान लॉजिस्टिक्स और श्रमशक्ति के मामले में जिला कलेक्टर, सीसीएफ व एसपी कुल्लू और डीआरआई के कार्यालयों द्वारा सक्रिय सहयोग प्रदान किया गया।  

WhatsApp Image 2022-09-20 at 3

केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के तहत नशीले पदार्थों के खिलाफ कानूनों का प्रवर्तन कराने वाली शीर्ष एजेंसी है, जिसे इसकी अन्य जिम्मेदारियों के साथ-साथ भांग और अफीम की अवैध खेती की पहचान करने और उसे नष्ट करने का काम सौंपा गया है।

सीबीएन ने पश्चिम बंगाल, जम्मू एवं कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, उत्तराखंड आदि जैसे कई राज्यों में नशीले पदार्थों को नष्ट करने का अभियान चलाया है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में अफीम और भांग की 25,000 हेक्टेयर से अधिक की अवैध खेती नष्ट की गई है। सीबीएन ने इस साल फरवरी और मार्च के महीने में अरुणाचल प्रदेश में लगभग 3,600 हेक्टेयर में लगे अवैध अफीम को नष्ट किया था। सीबीएन भविष्य में भी देश भर में अवैध खेती को नष्ट करने के ऐसे अभियान को जारी रखने का इरादा रखता है।  

 

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter