पंजाब : 24 जून से शुरू होगा सत्र, 27 जून को पेश होगा विधान सभा का बजट, कैबिनेट मीटिंग में फैसला

चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में मंत्रीमंडल ने 16 वें पंजाब विधान सभा का दूसरा बजट सत्र 24 जून से बुलाने की मंजूरी देते हुए इसकी सिफ़ारिश पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को कर दी जो भारतीय संविधान की धारा -174 की क्लॉज (1) के अनुसार विधान सभा का सत्र बुलाने के लिए अधिकारित हैं।

यह फ़ैसला यहाँ मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में हुई मंत्रीमंडल की मीटिंग के दौरान लिया गया। मख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने विस्तार में जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रीमंडल ने 24 जून को सत्र बुलाने और सैशन के पहले दिन दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलियां भेंट करने के बाद उसी दिन राज्यपाल के भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करने और इस पर बहस करवाने के लिए सहमति दे दी है।

वित्त मंत्री 27 जून को सोमवार वाले दिन साल 2022 -23 का बजट पेश करेंगे और इस के बाद आम बजट पर बहस होगी। प्रवक्ता ने बताया कि सैशन के दौरान साल 2018 -19 और 2019 -20 के लिए भारत के कम्पट्रोलर और आडिटर जनरल की लेखा रिपोर्टों और साल 2019 -20 और साल 2020 -21 के लिए वित्तीय और विनियोजन लेखे सदन में पेश किये जाएंगे।

ग्रीष्म ॠतु की मूँगी खरीदने के लिए गैप फडिंग के तौर पर मार्कफैड्ड के लिए 66.56 करोड़ रुपए की मंजूरी

भूजल जैसे बहुमूल्य कुदरती साधनों को बचाने साथ-साथ मिट्टी की सेहत में सुधार करने और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य के साथ मंत्रीमंडल ने मार्कफैड्ड की तरफ से साल 2022 -23 के लिए ग्रीष्म ॠतु की मूँगी की फ़सल न्यूनतम समर्थन मूल्य 7275 रुपए प्रति क्विंटल पर खरीदने की मंजूरी दे दी है। मार्कफैड्ड को यह फ़सल खरीदने के लिए राज्य की नोडल एजेंसी बनाया गया है। यह भी फ़ैसला किया गया कि गैप फडिंग के तौर पर 1875 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब के साथ मार्कफैड्ड को लगभग 66.65 करोड़ रुपए की राशि मुहैया करवाई जायेगी।

यहाँ बताने योग्य है कि मौजूदा ग्रीष्म ऋतु की मूंगी के सीजन के दौरान 95,000 एकड़ क्षेत्रफल में मूंगी की बुवाई हुई है और प्रति एकड़ पाँच क्विंटल उत्पादन होने की आशा है। इस कदम से कम समय में तैयार होने वाली धान की किस्मों की बुवाई होगी जिससे भूजल की 10 से 20 प्रतिशत बचत होने की संभावना है जो कुदरती स्रोतों की संभाल में सहायक होगा।

पंजाब ग्रामीण विकास (संशोधन) बिल -2022 को मंज़ूरी

राज्य में ग्रामीण बुनियादी ढांचे को और मज़बूत करने के लिए पंजाब मंत्री मंडल ने पंजाब ग्रामीण विकास एक्ट -1987 की धारा -7में संशोधन करके पंजाब ग्रामीण विकास (संशोधन) बिल -2022 विधान सभा के आगामी सैशन में लाने की मंजूरी दे दी है।

इस बिल के कानूनी रूप लेने से ग्रामीण विकास फंड को अलग -अलग उद्देश्यों /गतिविधियों के लिए ख़र्च किया जायेगा जिन में मंडियों /खरीद केन्द्रों तक पहुँच सड़कों का निर्माण या मुरम्मत और स्ट्रीट लाईटों लगाना जिस के साथ किसानों को उनकी उपज की ढुलाई के योग्य बनाया जा सकेगा,

नयी मंडियों /खरीद केन्द्रों का निर्माण /विकास और पुरानी मंडियों /कच्चे फडो़ं /खरीद केन्द्रों का विकास, पीने वाले पानी की स्पलाई की व्यवस्था और मंडियों /खरीद केन्द्रों में साफ़ -सफ़ाई में सुधार करना, खरीद कामों के साथ जुड़े किसानों और मज़दूरों के लिए अच्छी सहूलतों के साथ लैस रैस्ट हाऊस /रैन बसेरे /शैड मुहैया करवाना शामिल है।

इसी तरह ग्रामीण विकास फंड ख़रीदे गए स्टाक को भंडार करने के लिए मंडियों में स्टोरेज सहूलतें बढ़ाने के लिए खर्चा जायेगा जिससे राज्य में खरीद और मंडीकरन प्रणाली को और मज़बूत किया जा सके, कर्ज़े के बोझ तले दबे राज्य के किसानों को राहत प्रदान करना जिससे दबाव नीचे बिक्री की किसी भी संभावना को ख़त्म किया जा सके।

मंडी या राज्य स्तर पर फ़सल की खरीद या ज़मीनी रिकार्ड, फ़सल के सर्वेक्षण, किसानों की कम्प्यूट्रीकित पहचान के साथ सम्बन्धित हार्डवेयर /सॉफ्टवेयर का विकास करना जो पारदर्शिता को और बेहतर बनाने के साथ-साथ खरीद गतिविधियों को भी आसान बना सकता है।

इसी तरह कम्प्यूटराईज़ड इलेक्ट्रानिक काँटा, तोल के साथ सम्बन्धित सहूलतें, गुणवत्ता जांच उपकरण, मंडी /खरीद केन्द्रों में सुविधाओं को जाँचना और इस का ई -खरीद विधि के साथ एकीकरण के इलावा सफ़ाई, छंटनी, सुकाने, अनाज की गुणवत्ता का अध्ययन, छोटे शिपिंग सायलोज़, बारदाना और सिलाई की सहूलतें समेत मंडियों को स्व -चलित और मशीनीकरन के साथ लैस करना शामिल है। इस कदम के साथ मंडियों /खरीद कामों को मज़बूत किया जा सकता है।

कैबिनेट की तरफ से रेहड़ी -छोटी दुकान वालों पर लगती स्टैंप ड्यूटी से छूट 

कोविड -19 महामारी कारण बुरी तरह प्रभावित रेहड़ी -छोटी दुकान वालों को राहत देते पंजाब कैबिनेट ने प्रधान मंत्री स्वैनिधी स्कीम अधीन रेहड़ी -छोटी दुकान वालों के 50 हज़ार (थर्ड ट्रांच लोन) तक के कर्ज़ /हाईपोथीकेशन करारनामे पर लगती अष्टाम ड्यूटी से छूट दे दी है। ज़िक्रयोग्य है कि रेहड़ी -छोटी दुकान वालों के कामकाज को कोविड महामारी कारण बड़ी चोट लगी, इस लिए उनका कामकाज दोबारा शुरू करने के लिए विशेष मदद की ज़रूरत है। इसके मद्देनज़र राज्य सरकार ने रेहड़ी -छोटी दुकान वालों के लिए 50 हज़ार तक के कर्ज़ /हाईपोथीकेशन करारनामे पर लगती 127 रुपए की अष्टाम ड्यूटी माफ करने का फ़ैसला किया है।

एक विधायक, एक पैंशन के लिए ‘दी पंजाब स्टेट लैजिसलेचर मैंबरज़ (पैंशन और मैडीकल फैसिलटीज़ रैगूलेशन) एक्ट -1977 ’ में संशोधन को हरी झंडी मंत्रीमंडल ने दी पंजाब स्टेट लैजिसलेचर मैंबरज़ (पैंशन और मैडीकल फैसिलटीज़ रैगूलेशन) एक्ट -1977 की धारा 3(1) में संशोधन करने की मंजूरी दे दी है जिससे पंजाब विधान सभा के विधायकों को एक पैंशन (ट्रमों की संख्या किये बगैर) नयी दर अनुसार (60,000 रुपए प्रति महीना महँगाई भत्ता जो पंजाब सरकार के पैनशनरों पर लागू होता है) के मुताबिक दी जायेगी।

यह मौजूदा व्यवस्था को बदल देगी जिस अनुसार पहली टर्म के लिए 15,000 रुपए पैंशन प्रति महीना (समेत महँगाई भत्ता, जो पंजाब सरकार के पैनशनरों पर लागू होता है) और हरेक बाद वाली टर्म के लिए 10,000 रुपए पैंशन प्रति महीना (समेत महँगाई भत्ता, जो पंजाब सरकार के पैनशनरों पर लागू होता है) था। इस संशोधन के साथ पंजाब सरकार को सालाना लगभग 19.53 करोड़ रुपए की बचत होगी।

जेल विभाग और पंजाब एक्स -सर्विसमैन निगम की प्रशासनिक रिपोर्टों को मंजूरी

पंजाब मंत्रीमंडल ने जेल विभाग की साल 2015 -16, 2016 -17 और 2017 -18 के इलावा पंजाब एक्स -सर्विसमैन निगम की साल 2016 -17, 2017 -18, 2018 -19 और 2019 -20 की सालाना प्रशासनिक रिपोर्टों को भी स्वीकृत कर लिया है।

राज्य चयनआयोग के ग्रुप -ए सेवा नियमों में संशोधन और ग्रुप -बी के सर्विस नियम बनाने को मंज़ूरी

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की तरफ से 2016 की सिवल रिट्ट पटीशन नंबर 20838 के बारे पास किये हुक्मों अनुसार पंजाब कैबिनेट ने राज्य चयन आयोग के ग्रुप -ए, 2014 सेवा नियमों में संशोधन और ग्रुप -बी के सेवा नियम बनाने को मंज़ूरी दे दी है जिससे स्टाफ के सेवा मामलों और तरक्कियों के मसलों के साथ निपटा जा सके।

ज़िक्रयोग्य है कि सरकार की तरफ से राज्य चयन आयोग एक्ट, 1994 के प्रस्तावों की रौशनी में वित्त विभाग की मंज़ूरी अनुसार राज्य चयन कमिशनर और स्टाफ के पद सृजित किए गए थे। इस के बावजूद राज्य चयन आयोग के दफ़्तरी मुलाजिमों के लिए कोई विभागीय सेवा नियमों की अनुपस्थिति कारण मुलाजिमों के सेवा और तरक्की के मसलों के साथ निपटने में मुश्किलें आ रही थीं।

 

 

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