मुंबई । कभी कैप्टन कूल के नाम से पहचाने जाने वाले महेंद्र धोनी को भी अब अपनी बढ़ती उम्र का एहसास होने लगा है। उन्होंने यह बात अपनी फिलिंग्स के बारे में पूछे गए सवाल पर कही। महेंद्र धोनी अपनी बेबाक शैली के लिए प्रसिद्ध हैं। वैसे वो कम ही कोई बयान देते हैं। लेकिन जब भी कोई बात कहते हैं उसमें काफी गहराई नजर आती है। धोनी इन दिनों अपना पूरा ध्यान आईपीएल पर लगाए हुए हैं।
धोनी को अपनी उम्र की याद आने लगी हैं। उन्हें अपनी ढलती उम्र का एहसास हो चला है। पंजाब किंग्स को हराने के बाद CSK के कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) ने कहाकि उन्हें लगने लगा है कि वो अब बूढ़े हो चले हैं। जी हां, पोस्ट मैच प्रजेंटेशन में धोनी ने ऐसा खुद बयां किया है। धोनी ने ऐसा क्यों कहा? किस वजह से कहा? सब हम बताएंगे. लेकिन, उससे पहले धोनी की टीम CSK में पंजाब किंग्स के खिलाफ मुंबई का मैदान कैसे मारा, संक्षेप में यह भी समझना और जानना जरूरी है।
मुंबई के वानखेड़े मैदान पर खेले मुकाबले में एमएस धोनी ने टॉस जीतकर पंजाब किंग्स को पहले बल्लेबाजी के लिए उतारा। पंजाब की बल्लेबाजी का न तो आगाज अच्छा रहा और न ही अंजाम। नतीजा, टीम 20 ओवरों में सिर्फ 106 रन ही बना सकी। जवाब में 107 रन के टोटल को चेन्नई सुपर किंग्स ने 4 विकेट खोकर हासिल कर लिया। CSK ने ये मुकाबला 4.2 गेंद पहले ही 6 विकेट से जीत लिया, जिसके हीरो तेज गेंदबाज दीपक चाहर बने।
200वें मैच में मिली धोनी को ‘सुपर’ जीत
चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान एमएस धोनी का ये 200वां मैच था, इसलिए पंजाब किंग्स पर मिली जीत का महत्व और भी बढ़ जाता है। CSK के लिए 200 मैच खेलने वाले धोनी पहले खिलाड़ी हैं। वहीं किसी एक फ्रेंचाइजी के लिए इतने मैच खेलने वाले वो विराट कोहली के बाद दूसरे प्लेयर हैं। अब जब मुकाबला कैरियर के लिए इतना खास होगा तो जाहिर है उसे लेकर सवाल भी होंगे। धोनी से भी CSK के लिए उनके 200वें मैच को लेकर सवाल हुआ।

धोनी से जब इस माइलस्टोन को लेकर उनकी फीलिंग्स पूछी गई तो सुनिए उन्होंने क्या कहा। धोनी ने पहले तो हंसते हुए कहाकि ऐसा लग रहा है जैसे बूढ़ा हो गया हूं। फिर उन्होंने कहाकि ये वाकई एक लंबा सफर रहा है, जो कि साल 2008 से शुरू हुई थी। ये सफर कई पड़ावों और माहौल से होता हुआ गुजरा। भारत के अलावा साउथ अफ्रीका में खेले, दुबई में खेले। हर जगह खेलने का अपना मजा रहा। कुल मिलाकर पूरी जर्नी मजेदार रही।
CSK के लिए धोनी के 200वें मैच में जीत की उम्मीद तो थी ही साथ ही साथ उनके बल्ले से विस्फोटक इनिंग की भी आस थी। पहली उम्मीद तो पूरी हो गई पर बल्लेबाजी देखने की आस अधूरी रही। दरअसल, स्कोर बोर्ड पर चेज करने के लिए इतने रन भी नहीं टंगे थे।