मध्यप्रदेश बना देश का सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक राज्य : किसानों की मेहनत और सरकारी योजनाओं से मिली नई पहचान, अनूपपुर जिले ने रचा रिकॉर्ड

भोपाल : मध्यप्रदेश आज देश में सब्जी उत्पादन की दृष्टि से तीसरा सबसे बड़ा राज्य बन गया है। प्रदेश में वर्तमान समय में 12.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जियों की खेती की जा रही है। इनमें सबसे अधिक उत्पादन टमाटर का है। वर्ष 2024-25 में राज्य के 1.27 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में टमाटर की खेती की गई, जिससे 36.94 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का अनुमान है।

पिछले चार वर्षों में टमाटर की खेती के रकबे में 16,776 हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2021-22 में जहां 1.10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती होती थी, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 1.27 लाख हेक्टेयर हो गया। यह बदलाव बाजार की मांग और मध्यप्रदेश के टमाटर की बढ़ती पहचान का परिणाम है।


किसानों को मिल रहा बेहतर मूल्य और सब्सिडी का लाभ : राज्य सरकार किसानों को टमाटर बीज पर 50% सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। इसके अलावा, टमाटर आधारित लघु उद्योगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। PMFME योजना के तहत किसानों को फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने में आसानी हुई है।

मध्यप्रदेश के टमाटर की खास पहचान महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसे पड़ोसी राज्यों में है। किसानों की मेहनत और योजनाओं के सहयोग से प्रदेश में टमाटर की उत्पादकता 28.92 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर दर्ज की गई है, जो देश में सब्जियों की औसत उत्पादकता (15.02 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर) से कहीं अधिक है।


अनूपपुर जिले के किसानों ने रचा नया इतिहास : अनूपपुर जिले में लगभग 15 हजार किसानों ने टमाटर की खेती कर 1.40 लाख मीट्रिक टन की रिकॉर्ड पैदावार हासिल की है। जिले के जैतहरी, अनूपपुर और पुष्पराजगढ़ प्रमुख क्लस्टरों में टमाटर की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है।

किसानों को बीज, ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति पर 50% अनुदान मिल रहा है। इससे खेती की लागत कम हुई है और आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।

जिले का टमाटर न केवल शहडोल, रीवा और सतना जैसे मप्र के जिलों में भेजा जा रहा है, बल्कि छत्तीसगढ़ के रायपुर, अंबिकापुर, बिलासपुर और महाराष्ट्र तक भी पहुंच रहा है। इससे किसानों को बेहतर बाजार और उचित मूल्य मिल रहा है।


किसानों की आय में तेजी से वृद्धि :  अनूपपुर में टमाटर की खेती में प्रति हेक्टेयर 50-60 हजार रुपए की लागत आती है। इसके मुकाबले किसानों को 1.5 से 2 लाख रुपए तक का मुनाफा मिल रहा है। प्रति एकड़ आय का स्तर लगभग 1 लाख रुपए तक पहुंच चुका है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है और प्रदेश में टमाटर उत्पादन नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

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