भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश के विकास से जुड़े कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने, दो बड़े ताप विद्युत गृहों की पुनरीक्षित लागत को मंजूरी देने और चिकित्सा शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए सीनियर रेसीडेंट के 354 नए पद सृजित करने पर सहमति बनी।
प्रदेश में शुरू होगी हेलीकॉप्टर सेवा : कैबिनेट ने प्रदेश में निजी ऑपरेटरों के सहयोग से हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने की मंजूरी दी। यह सेवा तीन सेक्टरों में चलाई जाएगी, जिसमें इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, खजुराहो, पचमढ़ी, बांधवगढ़, कान्हा और अमरकंटक जैसे प्रमुख शहरों, धार्मिक स्थलों और पर्यटन स्थलों को जोड़ा जाएगा। इस पहल का उद्देश्य व्यापार और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देना, रोजगार के अवसर सृजित करना और यात्रियों के लिए सुगम आवागमन सुनिश्चित करना है।
ऊर्जा क्षेत्र को मिलेगा बल : बैठक में प्रदेश की दो बड़ी ऊर्जा परियोजनाओं की लागत अनुमोदन को हरी झंडी दी गई:
- सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारणी (660 मेगावाट) – ₹11,678.74 करोड़
- अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई (660 मेगावाट) – ₹11,476.31 करोड़
दोनों परियोजनाओं का वित्त पोषण 20:80 अनुपात में (अंशपूंजी और ऋण) किया जाएगा। राज्य सरकार अपने हिस्से की राशि आगामी वर्षों में किस्तों में उपलब्ध कराएगी। इन परियोजनाओं से प्रदेश की ऊर्जा क्षमता और आपूर्ति में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।
चिकित्सा शिक्षा के लिए 354 नए पद : कैबिनेट ने 13 स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में सीनियर रेसीडेंट के 354 नए पद सृजित करने का निर्णय लिया। ये पद नॉन क्लीनिकल और पैरा क्लीनिकल संकायों में भरे जाएंगे। इनमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सतना, विदिशा, रतलाम, खंडवा, शहडोल, शिवपुरी, दतिया और छिंदवाड़ा के मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। इस निर्णय से राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (NMC) के मानकों के अनुरूप मेडिकल कॉलेजों का संचालन सुनिश्चित होगा और प्रदेश को पर्याप्त संख्या में चिकित्सा शिक्षक मिल सकेंगे।


