मध्यप्रदेश सहकारिता डिजिटलीकरण में देश में अव्वल , सरकार बनी किसानों की ढाल, डेयरी विस्तार से खुलेगा समृद्धि का रास्ता – केंद्रीय मंत्री शाह

भोपाल : मध्यप्रदेश में सहकारिता के क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन में ऐलान किया कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) के कम्प्यूटराइजेशन में मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य बन गया है।

उन्होंने इस उपलब्धि को किसानों की समृद्धि की दिशा में बड़ा कदम बताया। साथ ही, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अब सहकारी समितियां केवल कर्ज देने तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि पेट्रोल पंप, रेलवे टिकट बुकिंग, दवा दुकान और डेयरी जैसी 30 से ज्यादा गतिविधियों में भी भाग लेंगी।

इस सम्मेलन के दौरान राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और मध्यप्रदेश डेयरी फेडरेशन के बीच अहम अनुबंध हुए, जिनसे राज्य में दूध उत्पादन, प्रोसेसिंग और विपणन को नई दिशा मिलेगी। यह कदम किसानों की आमदनी बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।


किसानों की आय में होगी सीधी वृद्धि

केंद्रीय मंत्री शाह ने साफ किया कि सहकारी समितियों से होने वाला पूरा लाभ अब सीधे किसानों के खातों में पहुंचेगा, व्यापारी को नहीं। उन्होंने बताया कि दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पशुओं की नस्ल सुधार, दूध संग्रहण नेटवर्क और स्थानीय प्रसंस्करण पर जोर दिया जाएगा।

इसके अलावा, मॉडल बायलॉज के माध्यम से “एम-पैक्स” की स्थापना का रास्ता खुल गया है जिसमें सहकारी समिति, डेयरी और मछुआरा गतिविधियों को एक साथ जोड़ा जाएगा। इससे किसान एक ही मंच पर विभिन्न सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे।

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पैक्स का कम्प्यूटराइजेशन बना गेम चेंजर

शाह ने बताया कि 2500 करोड़ रुपये की लागत से पैक्स का कम्प्यूटराइजेशन किया गया है, जिससे ये संस्थाएं अब ऑनलाइन ऑडिट, नाबार्ड से जुड़ाव और स्थानीय भाषा में कार्य जैसी सुविधाएं दे रही हैं। इससे किसानों को समय पर सेवाएं और पारदर्शिता मिलेगी।


🤝 सहकारिता क्षेत्र में हुआ बड़ा अनुबंध

सम्मेलन में विभिन्न पैक्स और निजी कंपनियों के बीच हुए समझौते (MoU) किसानों के लिए लाभकारी रहेंगे:

▪ पैक्स घाट पिपरिया और मेजेस्टिक ग्रुप के बीच बासमती धान की खेती और खरीद का अनुबंध।

▪ नेपियर घास की खेती के लिए मशरूम वर्ल्ड और सलामतपुर पैक्स में समझौता।

▪ 120 लाख रु. का ऋण सुपर मार्केट निर्माण के लिए पैक्स गोगांवा को प्रदान।

▪ जन औषधि केंद्र, पेट्रोल पंप और किसान क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं भी पैक्स को सौंपी गईं।


दूध से दही तक: गाँव-गाँव फैलेगी डेयरी क्रांति

अब हर गांव में किसानों को डेयरी से जोड़ने की योजना है। दूध से दही, पनीर, छाछ जैसे उत्पाद बना कर उनका विक्रय किया जाएगा, जिससे गांवों में श्वेत क्रांति को नई रफ्तार मिलेगी। एनडीडीबी के सहयोग से यह योजना महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण रोजगार को भी बढ़ावा देगी।


शाह को बताया “पारस”, सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अमित शाह को “पारस” बताते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में हर विभाग “सोना” बन जाता है। उन्होंने दुग्ध उत्पादन को 9% से बढ़ाकर 20% तक ले जाने का लक्ष्य घोषित किया और हर घर को “गोकुल” बनाने की दिशा में तेजी से काम करने का वादा किया।


सी.पी.पी.पी. के अंतर्गत योजनाएं और ऋण वितरण

कार्यक्रम में कई परियोजनाओं को वित्तीय सहायता भी दी गई:

▪ धर्मकांटा स्थापना के लिए 15 लाख रुपये का ऋण।

▪ कोदो-कुटकी प्लांट के लिए 60 लाख रुपये।

▪ माइक्रो एटीएम, किसान क्रेडिट कार्ड, पेट्रोल पंप, जन औषधि केंद्र जैसी सुविधाएं वितरित।


निष्कर्ष 

मध्यप्रदेश की सहकारी व्यवस्था अब केवल खेती तक सीमित नहीं रही। नए अनुबंध, तकनीकी अपग्रेडेशन और बहुआयामी योजनाओं के साथ यह राज्य देश को सहकारिता का नया मॉडल देने की ओर अग्रसर है। किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा और यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।


 

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