मध्यप्रदेश: कंप्यूटर बाबा से मिलने कल सेंट्रल जेल जाएंगे दिग्विजय सिंह
मध्यप्रदेश: कंप्यूटर बाबा से मिलने कल सेंट्रल जेल जाएंगे दिग्विजय सिंह

भोपाल. मध्यप्रदेश में अपने राजनीतिक संबंधों के कारण चर्चा में रहने वाले कंप्यूटर बाबा (रामदेव दास त्यागी) का इंदौर के जम्बूड़ी हप्सी गांव में सरकारी जमीन पर बने आश्रम को रविवार सुबह ढहा दिया गया। इस दौरान विरोध करने पर पुलिस ने बाबा सहित सात लोगों को जेल भेज दिया। अभी कार्रवाई चल रही है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इसे बदले की भावना के तहत की गई कार्रवाई करार दी है।

उन्होंने कहा कि मैं इसकी निंदा करता हूं। दिग्विजय सिंह सोमवार को दोपहर दो बजे कंप्यूटर बाबा से मिलने सेंट्रल जेल भी जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि बाबा को सरकारी जमीन से कब्जा हटाने के लिए नोटिस भी दिया गया था। अर्थदंड के अलावा शासकीय भूमि से बेदखल करने का आदेश भी पारित किया गया था। बाबा ने 46 एकड़ जमीन में से तीन एकड़ जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर घर बना लिया था।

पूरा मामला क्या है
सूत्रों के अनुसार इंदौर के जम्बूड़ी हप्सी हप्सी गांव में नामदेव दास त्यागी कंप्यूटर बाबा ने 46 एकड़ जमीन में से तीन एकड़ जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके घर बना लिया था। मामला गरमाने पर पिछले दिनों राजस्व विभाग ने इसकी जांच की। इसमें खुलासा होने के बाद सुबह-सुबह कलेक्टर मनीष सिंह के आदेश पर प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और कब्जा हटाने की कार्रवाई की गई।

एसडीएम राजेश राठौर और शाश्वत शर्मा ने बताया कि तीन एकड़ जमीन पर कब्जा करके घर बना लिया गया था। कार्रवाई का किसी तरह का विरोध न हो इसके लिए प्रशासन ने पहले ही पुख्ता व्यवस्थाजम कर रहे थे और राजस्व अमले के साथ गांधी नगर थाने की पुलिस बड़ी संख्या में मौके पर मौजूद थी।

कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर बुलडोजर चलाने को लेकर इंदौर के एडीएम ए डी शर्मा ने कहा, ” सरकारी जमीन पर बने अवैध आश्रम को ढहा दिया गया है। इस दौरान विरोध करने पर पुलिस ने बाबा सहित सात लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। ”

दिग्विजय ने कार्रवाई की निंदा की
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने प्रशासन की कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा, ‘इंदौर में बदले की भावना से कंप्यूटर बाबा का आश्रम व मंदिर बिना किसी नोटिस दिए तोड़ा जा रहा है। यह राजनैतिक प्रतिशोध की चरम सीमा है। मैं इसकी निंदा करता हूं। ‘

कंप्यूटर बाबा ने निकाली थी लोकतंत्र बचाओ यात्रा

वैष्णव संप्रदाय (अपने देव के रूप में भगवान विष्णु को पूजने वाले हिंदू परिवर्तवलम्बी) से ताल्लुक रखने वाले कंप्यूटर बाबा का असली नाम नामदेव दास त्यागी है। केवल 15 महीने चलने वाली पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने उन्हें नर्मदा, क्षिप्रा और मन्दाकिनी नदियों के संरक्षण के लिए गठित न्यास का अध्यक्ष बनाया था।

राज्य की 28 विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को संपन्न उप चुनावों से पहले कंप्यूटर बाबा ने अन्य साधु-संतों के साथ लोकतंत्र बचाओ यात्रा निकाली थी। चुनाव क्षेत्रों से गुजरी इस यात्रा में कंप्यूटर बाबा ने कांग्रेस के उन 22 बागी विधायकों को गद्दार बताया था जिनके विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार का 20 मार्च को पतन हो गया था। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च को सूबे की सत्ता में लौट आई थी।

कंप्यूटर बाबा राज्य में इससे पहले भी कांग्रेस के पक्ष में चुनावी अभियान चला चुके हैं। नर्मदा नदी की कथित बदहाली के प्रमुख मुद्दे पर उन्होंने नवंबर 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ संतों को राज्य भर में लामबंद करने का अभियान चलाया था। लोकसभा के पिछले चुनावों में उन्होंने भोपाल सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के समर्थन में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए थे।

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