देश में सबसे अधिक दाम पर गेहूं खरीद रही है मप्र सरकार : मुख्यमंत्री बोले उपार्जन में हम हरियाणा और पंजाब से भी आगे, अब खाद्यान्न के वारदानों में लगाए जाएंगे क्यूआर कोड

Bhopal news : भोपाल । मप्र सरकार पूरे देश में सर्वाधिक 2600 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर गेहूं खरीद रही है, ताकि प्रदेश के गेहूं उत्पादक किसानों को सर्वाधिक लाभ मिले। इस उपार्जन राशि में सरकार द्वारा किसानों को दी जा रही 175 रुपए प्रति क्विंटल बोनस राशि भी शामिल है।

यह बात मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने समीक्षा बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहाकि गेहूं उत्पादन एवं उपार्जन के मामले में हम पंजाब और हरियाणा जैसे खाद्यान्न उत्पादक राज्यों से भी आगे हैं।

मुख्यमंत्री ने सभी प्रकार के राशन कार्डधारकों की ई-केवाईसी जल्द से जल्द पूरा कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य के सभी प्रकार के राशन कार्ड धारकों को समय पर और बिना किसी कठिनाई के पात्रतानुसार राशन सामग्री उपलब्ध कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को राशन पाने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सार्वजनिक खाद्यान्न वितरण प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने के लिए व्यवस्थाओं को बेहतर और त्रुटिरहित बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि कोई भी पात्र लाभार्थी राशन पाने से वंचित न रहे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनहित से जुड़ी सभी योजनाएं, विशेषकर खाद्यान्न वितरण, उज्जवला गैस योजना की सब्सिडी वितरण और घर-घर घरेलू गैस पाइप लाइन डालने का काम पूरी तत्परता और संवेदनशीलता के साथ किए जाएं, ताकि प्रदेश के नागरिकों को सरकार की सुविधाओं का भरपूर लाभ मिल सके।

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गेहूं उपार्जन का काम 5 मई तक पूरा कर लें : मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में चल रही गेहूं उपार्जन व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहाकि गेहूं की खरीदी प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता का पालन किया जाए और किसानों को गेहूं उपार्जन का भुगतान कम से कम समय में कर दिया जाए।

किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों से कहा कि गेहूं उपार्जन के लिए स्लॉट बुकिंग की अवधि 30 अप्रैल तक करें। इस अवधि तक बुकिंग कराने वाले सभी किसानों से गेहूं उपार्जन का समस्त कार्य 5 मई तक हर हाल में पूरा किया जाए।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता अधिकार संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बैठक में बताया कि गोदामों में खाद्यान्न स्कंध की हेरा-फेरी पर अंकुश लगाने के लिए अब खाद्य विभाग द्वारा खाद्यान्नों के सभी बारदानों (बोरों) में क्यूआर कोड लगाये जायेंगे। इसी तरह एमपी वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के अधीन सभी वेयरहाउस को भी क्यूआर कोडयुक्त किया जा रहा है। इनमें सीसीटीव्ही कैमरे भी लगवाये जाएंगे।

खाद्यान्न वितरण, शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर नजर रखने एवं फूड-स्टॉकिंग के सभी कामों की मुख्यालय से निगरानी के लिए भोपाल में एक कंट्रोल कमांड सेंटर भी बनाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि विभाग स्वयं के 1596 गोदामों का क्रमबद्ध तरीके से आधुनिकीकरण एवं उन्नयन कर रहे हैं। सभी गोदाम में भंडारित स्टाक एवं अन्य संसाधनों के अधिकतम रिस्क कवर के लिए नवीनतम प्रावधानों के तहत बीमा पॉलिसी भी लागू की जा रही है।

मंत्री राजपूत ने बताया कि उपार्जित स्कंध की साफ-सफाई के लिए उपार्जन केन्द्रों पर मैकेनाइज्ड क्लीनिंग मशीनों की स्थापना की गई है। स्कंध की गुणवत्ता परीक्षण के लिए ग्रेन एनालाईजर के साथ-साथ विभाग के अधीन सभी वेयर हाउसेस में संकेतक (साइनेज) भी लगाये जा रहे हैं।

हर जरूरतमंद तक खाद्यान्न पहुंचाना हमारी प्राथमिकता : मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रुटिरहित राशन वितरण, किसानों को उपार्जन राशि का समय पर भुगतान और हर जरूरतमंद तक खाद्यान्न पहुंचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए सभी प्रबंध और जरूरी कदम उठाये जायें।

घरेलू गैस की पाइप लाइन डालने का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि मक्का, कोदो-कुटकी जैसे श्रीअन्न भी स्व-सहायता समूह एवं शासकीय उचित मूल्य की दुकानों को दिये जायें, ताकि इनकी मांग (खपत) में वृद्धि हो और श्रीअन्न पैदा करने वाले किसानों को प्रोत्साहन मिले।

बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा (मुख्यमंत्री कार्यालय), अपर मुख्य सचिव सहकारिता अशोक बर्णवाल, अपर मुख्य सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता अधिकार संरक्षण रश्मि अरुण शमी, आयुक्त खाद्य विभाग कर्मवीर शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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