भोपाल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 19 जून को रवाना की गई 44वें शतरंज ओलिंपियाड की मशाल रिले 4 जून सोमवार को भोपाल पहुँची। ग्रैंड मास्टर अनुराग महामल के नेतृत्व में मशाल टी.टी. नगर स्टेडियम पहुँची, जिसका खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने स्वागत किया।
मंत्री सिंधिया ने कहा कि भारत में पहली बार चेस ओलिंपियाड होने जा रहा है। तमिलनाडु के महाबलिपुरम में 28 जुलाई से 10 अगस्त तक लगभग 187 देश के 2 हज़ार खिलाड़ी अपने खेल का प्रदर्शन करेंगे। सिंधिया ने कहा कि ये देश के लिए गौरव की बात है कि शतरंज का भारत में जन्म हुआ था, वर्तमान में कई वर्षों के बाद पुनः भारत में चेस ओलिंपियाड हो रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को ये मौका मिल रहा है कि शतरंज ओलिंपियाड मशाल उज्जैन, इंदौर, भोपाल, साँची और ग्वालियर के प्रमुख स्थलों का भ्रमण कर नई दिल्ली के लिए रवाना होगी।
खेल मंत्री सिंधिया ने कहा कि देश में शतरंज के 74 ग्रैंड मास्टर हैं। भारत में होने वाले ओलिंपियाड से बहुत से खिलाड़ी प्रोत्साहित होंगे। उन्होंने कहा हर खेल का समय आता है, अब भारत में शतरंज का समय है।
खेल मंत्री सिंधिया को ग्रैंड मास्टर अनुराग महामल ने 44वें शतरंज ओलिंपियाड की मशाल सौंपी, जिसे उन्होंने आगे की यात्रा के लिए चेस एसोसिएशन एडहॉक कमेटी के अध्यक्ष गुरमीत सिंह को सौंपा। सिंधिया ने कार्यक्रम में चेस की विधा में पारंगत हो रहे बाल खिलाड़ियों से चर्चा की और उनका उत्साहवर्धन भी किया।
प्रमुख सचिव खेल एवं युवा कल्याण दिप्ति गौंड़ मुखर्जी, पूर्व निदेशक सीबीआई ऋषि कुमार शुक्ला, संचालक खेल एवं युवा कल्याण रवि कुमार गुप्ता, रीजनल डायरेक्टर साईं सत्यजीत संकृत, शतरंज के इंटरनेशनल मास्टर अक्षत खंपरिया सहित बड़ी संख्या में खिलाड़ी तथा खेल प्रेमी उपस्थित रहे।