New Delhi News : नई दिल्ली। राकांपा के नेता नवाब मलिक की परेशानी अभी कम नहीं हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने धनशोधन के एक मामले में महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता नवाब मलिक को को जमानत देने से मना कर दिया।
न्यायालय ने नवाब मलिक को जमानत देने से इंकार करने का कारण बताते हुए कहाकि जांच अभी शुरुआती दौर में है। इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती।
जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि वह 15 मार्च के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेगी।
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पीठ ने कहा कि नवाब मलिक चाहे तो निचली अदालत में याचिका दायर कर कानून के तहत उपलब्ध उपाय का लाभ उठा सकते हैं।
नवाब मलिक के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहाकि मलिक को 1999 में हुई घटना के लिए 2022 में गिरफ्तार किया गया है। सिब्बल ने कहा कि धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत कोई मामला नहीं है क्योंकि यह कोई विधेय अपराध नहीं है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहाकि नबाब मलिक मामले की जांच अभी शुरुआती चरण में है और वह उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेगी।