पेयजल संकट से जूझ रहे गांवों में करें पानी का इंतजाम, खराब पड़े हैंडपंपों को तत्काल सुधारें, कलेक्टर ने दिए निर्देश

दतिया। ग्रीष्मकाल को देखते हुए जिले के नागरिकों को पेयजल की समस्या न हो इसके लिए हर संभव प्रयास करें। खराब पड़े हैंडपंपों की समय रहते मरम्मत कराई जाए। यह निर्देश कलेक्टर संजय कुमार ने बुधवार को नवीन कलेक्ट्रेट में नलजल योजनाओं एवं जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक के दौरान दिए। बैठक में अपर कलेक्टर एके चांदिल, जिला पंचायत सीईओ अतेंद्र सिंह गुर्जर, सभी अनुभाग के एसडीएम तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

कलेक्टर ने कहाकि ग्रीष्मकाल शुरू हो गया है, राजस्व अधिकारी एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी आपसी समन्वय कर ऐसे प्रयास करें कि लोगों को पेयजल की समस्या न आएं। उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे गांव जहां पेयजल की समस्या है, उन गांव को चिन्हित कर अभी से वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। ऐसे गांव जहां हैंडपंपों का जल स्तर नीचे चला गया है या खराब है उन हैंडपंपों में राईजर पाईप बढ़ाकर और मरम्मत कर उन्हें उपयोगी बनाया जाए।

कलेक्टर ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रीष्मकाल को देखते हुए अधिकारियों के साथ-साथ विभाग का फील्ड स्टाॅफ भी सर्तक रहे। किसी भी स्थान से हैंडपंप खराबी की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल हैंडपंप मैकेनिक को भेजकर मरम्मत की कार्रवाई कराई जाए। इसके लिए कंट्रोल रूम भी स्थापित करें। जिससे खराब होने वाले हैंडपंपों की सूचना भी प्राप्त हो सके।

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उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि हैंडपंप स्पेयर पार्ट एवं राईजर पाईप भी पर्याप्त संख्या में रखे जाएं। बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रकी विभाग के कार्यपालन यंत्री राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि खण्ड दतिया के तहत 12 बंद नलजल योजनाओं में से 9 नलजल योजनाओं स्पाॅट पर चालू करा दी गई है। जिले में 5 हजार 698 हैंडपंप स्थापित हैं। जिसमें से 5 हजार 657 हैंडपंप चालू हालत में है। शेष सुधार योग्य हैंडपंपों का नियमित संधारण का कार्य किया जा रहा है।

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