रायपुर : अपनी योजनाओं का फीड-बैक लेने राज्य के दौरे पर निकले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सभाओं में आम लोगों की तरह-तरह की कहानियां सामने आ रही हैं। इनमें कुछ कहानियां ओठों पर मुस्कुराहट ला देती हैं, तो कुछ आंखें नम कर देने वाली भी होती हैं। बस्तर संभाग के बीजापुर जिले के सुदूर कस्बे आवापल्ली में आए एक किसान ने जब अपनी विवशता की कहानी सुनाई तो एक बार के लिए हर कोई सन्न रह गया। उस किसान ने रुंधे गले से कहा एक समय था जब मैं कर्ज के कारण आत्महत्या करने की सोच रहा था, लेकिन आपने कर्ज-मुक्त कर मुझे उबार लिया।
आवापल्ली की भेंट-मुलाकात सभा में शामिल होने के लिए भोपालपट्टनम से आए अफजल खान मुख्यमंत्री बघेल को आपबीती सुना रहे थे। वे कह रहे थे – कर्ज से मुक्ति मिलने के बाद आज मैं दूसरी फसल ले पा रहा हूं, अन्यथा मैंने आत्महत्या के बारे में सोच लिया था।
मुख्यमंत्री बघेल के पूछने पर उन्होंने बताया कि उन्हें करीब 8 लाख 36 हजार रुपए की ऋण माफी का लाभ मिला है। अफजल खान का कहना था कि यदि पास ही बहने वाली तालपेरू नदी पर बांध बना दिया जाए तो उनके जैसे और भी बहुत से किसानों को इसका लाभ मिलने लगेगा।
साढ़े तीन साल पहले जब छत्तीसगढ़ में नयी सरकार बनी थी तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों से किए दो बड़े वादे दो घंटे के भीतर पूरे किए थे। इनमें से एक था 2500 रुपए क्विंटल में धान खरीदी और दूसरा था पुराने कर्ज से पूर्ण मुक्ति। सरकार के ये दोनों कदम छत्तीसगढ़ में खेती किसानी को नया जीवन देने वाले साबित हुए।
तब लगभग 19 लाख किसानों के 9 हजार 270 करोड़ रुपए का ऋण माफ किया गया था। हालांकि इसके तत्काल बाद केंद्र सरकार ने धान खरीदी पर बोनस देने पर आपत्ति की, और छत्तीसगढ़ में किसानों को फसलों पर इनपुट सब्सिडी देने वाली राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत हुई।
इस योजना में पिछले दो खरीफ सत्रों में राज्य के करीब 21 लाख किसानों को अब तक 11,180 करोड़ रुपए की आदान सहायता दी जा चुकी है। अब तीसरे खरीफ सत्र के लगभग 07 हजार करोड़ रुपए की पहली किश्त 21 मई को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर जारी करने की घोषणा की गई है।