प्रधानमंत्री का नेपाल दौरा : लुम्बिनी पहुंचकर पीएम मोदी ने मायादेवी मंदिर में किए दर्शन,भारतीय मठ का किया शिलान्यास

लुम्बिनी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लुम्बिनी के अपने एक दिवसीय प्रवास के दौरान 16 मई, 2022 को वहां मायादेवी मंदिर के दर्शन किये। उनके साथ नेपाल के प्रधानमंत्री  शेर बहादुर देवबा और उनकी पत्नी डॉ. आर्जू राणा देवबा भी थीं दोनों शासनाध्यक्षों ने मंदिर परिसर के अंदर विद्यमान उस चिह्नक-प्रस्तर के दर्शन किये, जो भगवान बुद्ध के अवतरण के सटीक स्थान को इंगित करता है। बौद्ध कर्मकांडों के अनुसार की जाने वाली पूजा में भी दोनों शासनाध्यक्ष सम्मिलित हुये।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने मंदिर के बिलकुल बगल में स्थित अशोक स्तम्भ के निकट दीप प्रज्ज्वलित किया। इस स्तम्भ को सम्राट अशोक ने 249 ईसापूर्व में निर्मित कराया था। भगवान बुद्ध के लुम्बिनी में जन्म लेने का पहला अभिलेखीय प्रमाण इस स्तम्भ पर उत्कीर्ण है। इसके बाद, दोनों प्रधानमंत्रियों ने बोधि वृक्ष को जल अर्पित किया। इसके पौधे को बोध गया से लाया गया था, जिसे प्रधानमंत्री  मोदी ने 2014 में उपहारस्वरूप भेंट किया था। दोनों शासनाध्यक्षों ने मंदिर की आगंतुक पुस्तिका में हस्ताक्षर भी किये।

● प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने नेपाल के माननीय प्रधानमंत्री  शेर बहादुर देवबा के साथ लुंबिनी मठ क्षेत्र, लुंबिनी, नेपाल में भारत अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र के निर्माण के लिए शिलान्यास किया।

● इस केंद्र का निर्माण अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संघ (आईबीसी), नई दिल्ली द्वारा लुंबिनी डेवलपमेंट ट्रस्ट (एलडीटी) के एक भूखंड पर किया जायेगा, जिसका आवंटन आईबीसी और एलडीटी के बीच मार्च, 2022 में हस्ताक्षरित एक समझौते के तहत आईबीसी को किया गया था।              

● शिलान्यास समारोह, जिसे तीन प्रमुख बौद्ध परंपराओं, थेरवाद, महायान और वज्रयान के भिक्षुओं द्वारा किया गया, के बाद दोनों प्रधानमंत्रियों ने केंद्र के एक मॉडल का भी अनावरण किया।

● निर्माण पूरा हो जाने के बाद, यह दुनिया भर के तीर्थयात्रियों और पर्यटकों का स्वागत करने वाला एक विश्व स्तरीय सुविधा केंद्र होगा, जहाँ श्रद्धालु बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक स्वरूपों के सार का आनंद प्राप्त कर पाएंगे। यह एक आधुनिक इमारत होगी, जो ऊर्जा, पानी और अपशिष्ट प्रबंधन के मामले में नेटज़ीरो के मानकों के अनुरूप होगी तथा इस केंद्र में   प्रार्थना कक्ष, ध्यान केंद्र, पुस्तकालय, प्रदर्शनी हॉल, कैफेटेरिया, कार्यालय और अन्य सुविधाएं भी होंगी।

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