Datia News : दतिया। मेडीकल कालेज की एक नर्स ने नींद की गोलियां खाकर जान देने की कोशिश कर डाली। इस मामले में अधीक्षक का कहना है कि यह मामला संज्ञान में आया है। इसकी जांच कराई जा रही है। वहीं नर्स का कहना है कि उसे मानसिक रुप से प्रताड़ित किया जा रहा था।
जिस कारण उसने यह कदम उठाया। नर्स का आरोप है कि उसके मेडीकल ट्रीटमेंट का पर्चा तक उसे नहीं दिया गया। जबकि अस्पताल में उसका उपचार चल रहा था।
जानकारी के अनुसार शनिवार 26 मार्च को मेडिकल कालेज की नर्सिंग स्टाफ रीना घोष ने नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। उक्त नर्स फीवर क्लिनिक में पिछले 6 माह से कार्य कर रही थी।
घटना के दो दिन बाद 28 मार्च को पूर्ण रूप से सही होने पर नर्स ने नर्सिंग सुपरिटेंडेंट डा.विजी अवस्थी पर आरोप लगाते हुए कहाकि उसे मानसिक रुप से प्रताड़ित किया जा रहा था। उसके पास डिग्री एमएससी मनोरोग की होने के आधार पर कार्य ना करवाकर, निरंतर फीवर क्लिनिक में जबरन कार्य कराया जा रहा था।
जहां वह कार्य करती रही। लेकिन बाद में अब मैटरनिटी वार्ड में उसे ड्यूटी करने के लिए मजबूर किया जा रहा था। नर्स का आरोप है कि मेडीकल अधीक्षक डा.अर्जुन सिंह ने भी मेरी बात नहीं सुनी और फीवर क्लीनिक इंचार्ज डा.सुभांशु गुप्ता का भी व्यवहार सही नहीं था।
नर्स के उक्त आरोप को लेकर अधीक्षक डा.अर्जुन सिंह ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी। गोलियां खाने के बाद वह उपचार के लिए कोविड आइसीयू में कैसे पहुंची, इसकी भी जांच करवाई जाएगी। क्योंकि किसी भी चिकित्सक ने इसे भर्ती नहीं करवाया। वहीं
मनोरोग विशेषज्ञ डा.कपिल देव आर्य को नर्स को देखने के बाद उसमें डिप्रेशन के लक्षण मिले हैं। उन्होंने बताया कि मरीज पहले भी आत्महत्या का प्रयास कर चुकी है और यदि आगे भी उसने इलाज नहीं कराया तो फिर से ऐसा प्रयास कर सकती है।
इधर नर्स के आरोपों के बाद नर्सिंग सुपरीटेंडेंट डा.विजी अवस्थी कहना था कि नर्सिंग स्टाफ कार्य में लापरवाही बरतती है और सिर्फ ऐसा काम चाहती है जिसमें ज्यादा काम नहीं करना पड़े। उन्होंने कहाकि नर्स का व्यवहार झगड़ालू है।
इस मामले में सह अधीक्षक डा.हेमंत जैन ने बताया कि मरीज के स्वजन से बात कर ली गई है। उन्हें आश्वासन दिया गया है कि नर्सिंग स्टाफ रीना घोष की उचित सुनवाई की जाएगी और उसके इलाज व ड्यूटी के संबंध में उसकी मदद की जाएगी।