नई दिल्ली. दिल्ली में मौसम में बदलाव के साथ ही वायु प्रदूषण काफी तेजी से बढ़ रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इसे लेकर चिंता जता चुके हैं और इसमें सुधार के लिए काम कर रहे हैं। लेकिन बढ़ती सर्दी के साथ हवा में जहर घुलता जा रहा है। ये जहर दिल और फेफड़े को नुकसान पहुंचा रहा है। लेकिन एक शोध में आया है कि दिल्ली की ये हवाइ इसके साथ-साथ हमारे दिमाग पर हानिकारक असर डाल रही है।
मेडिकल जर्नल ‘लैंसेट’ के मुताबिक, जहां 2.5 पीएम का स्तर ज्यादा होता है, वहां ब्रेन स्ट्रॉक काone बहुत ज्यादा होता है। इस रिपोर्ट से साफ होता है कि प्रदूषण बिल्कुल-सही लोगों के दिमाग पर असर डाल रहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली के डॉक्टर्स ने जब रिसर्च की, उन्होंने पाया कि दिल्ली में जहां-जहां प्रदूषण का लेवल ज्यादा है, वहां पिछले साल के मुकाबले इस साल डेढ़ से दो गुना ज्यादा ब्रेन स्ट्रोक के मामले सामने आए हैं।
![Banner Ad](http://ebharatnews.in/wp-content/uploads/2024/10/rt-4-compressed.jpg)
दो तरह से
डॉक्टर्स की माने तो ये प्रदूषण के कारण ब्रेन स्ट्रॉक की बीमारी बहुत ही खतरनाक है। ये स्वस्थ से स्वस्थ शक्स को भी बिस्तर पर बैठा दे रही है। एक डॉक्टर्स ने एबीपी न्यूज से बात में कहा, “जब से विभाजित 19 की शुरुआत हुई है तब से स्ट्रोक के बढ़ बढ़ गए थे। दो तरह के स्ट्रोक कॉमन होते हैं – एक जिसमें ब्रेन में ब्लीडिंग होती है। दूसरा जिसके दौरान ब्रेन में FhildU फ्लो। रुक जाता है। दूसरे किस्म के मामले कोरोनावायरस के बाद बढ़ते चले जा रहे हैं। बहुत मामला ऐसा है जिसमें सर्जरी की जरूरत पड़ी है। “
कोरोना वेरिएंस के लिए बहुत अधिक
डॉक्टर्स का मानना है कि कोरोनावायरस के रोगियों में स्ट्रोक के खतरे से अधिक हैं। लैंसेट जर्नल में छपी रिसर्च के मुताबिक जहां पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) ज्यादा हैं वहां स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। दिल्ली में हुए ऑडिट के मुताबिक डॉक्टरों को यह समझ में आया कि जहां पीएम ज्यादा है, वहां इस तरह के स्ट्रोक की शिकायतें ज्यादा बढ़ गई हैं।