नई दिल्ली : तकनीकी शिक्षा में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिये सरकार जल्द ही ‘तकनीकी शिक्षा पर बहु विषयक शिक्षा शोध नवोन्मेष’ (मेरिट) नाम से एक नयी योजना शुरू करेगी जिसकी तैयारी पूरी हो गई है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष अनिल सहस्त्रबुद्धे ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘ तकनीकी शिक्षा में ‘मेरिट’ के नाम से एक योजना शुरू की जायेगी । राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इस संबंध में सुझाव दिया गया था जिसके बाद एक समिति बनाई गई और विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक की गई । अब अधिसूचना के रूप में इसे पेश किया जा सकता है। इससे जुड़े कार्यों में एक महीने का समय लग सकता है।’’
शिक्षा मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में ‘मेरिट’ की तैयारी के लिये 10 करोड़ रूपये की धनराशि का प्रावधान किया गया है ।उल्लेखनीय है कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उभरती प्रौद्योगिकियों के प्रमुख क्षेत्रों में बहु-विषयक अनुसंधान को बढ़ावा देने तथा शिक्षकों की भर्ती के लिये पारदर्शी तंत्र तैयार करने पर जोर दिया गया है।
एक ओर जहां ‘मेरिट’ योजना शुरू हो रही है वहीं दूसरी ओर विश्व बैंक के सहयोग से चलने वाली तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार परियोजना (टीईक्यूआईपी)-3 की अवधि 30 सितंबर 2021 को समाप्त हो गयी । इंजीनियरिंग स्नातकों की गुणवत्ता में सुधार के लिए 2,300 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की गई इस परियोजना के लिये कई राज्यों के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गए थे।
झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, पूर्वोत्तर क्षेत्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा जैसे राज्यों में चल रही इस परियोजना के लिए सहायक प्राध्यापक के तौर पर नियुक्त किये गए करीब 1200 लोगों की सेवाएं, परियोजना खत्म होने के बाद समाप्त हो गईं। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए इन लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया ।
इन लोगों की दलील है कि जब देश में तकनीकी शिक्षा में शिक्षकों की कमी है, तब सभी विषयों को समाहित करते हुए एक समग्र नीति बनायी जा सकती है ताकि उन्हें भी रोजगार मिल सके।सूत्रों ने बताया कि टीईक्यूआईपी-3 योजना मार्च 2021 में ही समाप्त होनी थी लेकिन विचार के बाद इसे 30 सितंबर 2021 तक बढ़ा दिया गया था ।