पीएम-आशा : रबी 2023-24 में 6.41 लाख मीट्रिक टन दालों की खरीद,2.75 लाख किसानों को मिला आर्थिक लाभ

नई दिल्ली : कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने किसानों को आर्थिक स्थिरता और उनकी आय बढ़ाने के लिए पीएम-आशा योजना लागू की है। यह योजना किसानों को उनकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करती है और दलहन, तिलहन व खोपरा की खरीद को प्रोत्साहित करती है।

रबी 2023-24 की उपलब्धियां
इस सीजन में 2.75 लाख किसानों से 6.41 लाख मीट्रिक टन दालों की खरीद की गई, जिसकी लागत 4,820 करोड़ रुपये रही। इसके अलावा, 5.29 लाख किसानों से 6,900 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य पर 12.19 लाख मीट्रिक टन तिलहन खरीदे गए।

प्रमुख योजनाएं

  1. मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस): केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर किसानों की उपज खरीदती हैं।
  2. मूल्य कमी भुगतान योजना (पीडीपीएस): तिलहन के किसानों को एमएसपी और बाजार मूल्य के अंतर का भुगतान किया जाता है।
  3. बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस): टमाटर, प्याज, आलू जैसे खराब होने वाले उत्पादों की कीमतों में स्थिरता लाने के लिए।

2018-19 से अब तक 195.39 लाख मीट्रिक टन कृषि उत्पादों की खरीद पर 1,07,433.73 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिससे 99 लाख किसानों को लाभ पहुंचा है।

लाभ और महत्व
पीएम-आशा छोटे और सीमांत किसानों के लिए सुरक्षा कवच प्रदान करती है। यह बाजार मूल्य के उतार-चढ़ाव से उन्हें बचाती है और उनकी आय बढ़ाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाती है।

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यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और कृषि क्षेत्र में स्थायित्व लाने की दिशा में बड़ा कदम है।

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