नई दिल्ली : कोयला मंत्रालय ने कोयला/वाणिज्यिक खनन के निजी उपयोग (कैप्टिव एंड यूज) और बिक्री के लिए कोयला ब्लॉक आवंटित किए हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में 47 चालू कोयला ब्लॉकों से 85.32 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया गया है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 203.67 मिलियन टन के निर्धारित उत्पादन के मुकाबले, लगभग 138.28 मिलियन टन कोयला के अनुमानित उत्पादन के साथ कुल 58 कोयला ब्लॉकों के चालू होने की उम्मीद है।
उन कंपनियों को समय-समय पर कारण बताओ नोटिस जारी किए जाते हैं जो कोयला ब्लॉकों के समय पर संचालन के लिए समझौते पर निर्धारित समयसीमा का पालन नहीं कर रही हैं या कोयला उत्पादन के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पा रही हैं। मंत्रालय ने मामलों के आधार पर कारण बताओ नोटिस जारी करने और आवंटियों से प्राप्त उत्तरों पर विचार करने के लिए एक जांच समिति का गठन किया है। यह जांच समिति उन मामलों में दंड की सिफारिश करती है जिनमें आवंटियों की तरफ से देरी की जाती है।
जांच समिति ने हाल ही में आयोजित अपनी 17वीं बैठक में 24 कोयला खदानों के मामलों की समीक्षा की है – और चार मामलों अर्थात तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड (राजबर ई एंड डी), टॉपवर्थ ऊर्जा एंड मेटल्स लिमिटेड (मार्की मंगली- I), अल्ट्राटेक सीमेंट्स लिमिटेड (बिचारपुर) और नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (तलाईपल्ली) में आवंटियों की ओर से देरी के कारण प्रदर्शन सुरक्षा के आनुपातिक विनियोग की सिफारिश की है।
जांच समिति की सिफारिशों को सरकार ने स्वीकार कर लिया है और विनियोग आदेश जारी किए जा रहे हैं। जांच समिति की बैठक के बाद, 22 कोयला ब्लॉकों के लिए 16 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे।
1. हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड
2.नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (3 ब्लॉक)
3.जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड
4.त्रिमुला इंडस्ट्रीज लिमिटेड
5.दामोदर घाटी निगम
6.पश्चिम बंगाल विद्युत विकास निगम
7.टॉपवर्थ ऊर्जा एंड मेटल्स लिमिटेड
8.बी.एस. इस्पात लिमिटेड
9.इंद्रजीत पावर प्राइवेट लिमिटेड
10.बिरला कार्पोरेशन लिमिटेड (2 ब्लॉक)
11.सनफ्लैग आयरन एंड स्टील कंपनी लिमिटेड
12.कर्नाटक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (2 ब्लॉक)
13.पावर प्लस ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड
14.वेदांत लिमिटेड (3 ब्लॉक)
15.नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड
16.ईएमआईएल माइन्स एंड मिनरल रिसोर्सेज लिमिटेड।
आगे की नियमित कार्रवाई के अलावा, कोयला मंत्रालय द्वारा ब्लॉक आबंटितियों और संबंधित राज्य/केंद्रीय एजेंसियों जैसे एमओईएफएंडसीसी, राज्य खनन विभागों, राज्य राजस्व विभागों, राज्य वन विभागों, आदि के साथ समीक्षा बैठकें भी आयोजित की जा रही हैं।
इनका उद्देश्य कोयला ब्लॉकों का जल्द संचालन और चालू ब्लॉकों से उत्पादन बढ़ाना है। कोयला ब्लॉकों के शीघ्र संचालन के लिए वैधानिक मंजूरी प्राप्त करने में आवंटियों की सहायता के लिए कोयला मंत्रालय ने एक परियोजना प्रबंधन इकाई भी नियुक्त की है।